संघ पैतृक संगठन है, उनके सुझावों को अमल में लाते हैं: भाजपा राष्ट्रीय महासचिव
नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि संघ भाजपा का पैतृक संगठन है और उनके जो भी सुझाव आते हैं, पार्टी उसे अमल में लाती है।
न्यूज़ एजेंसी से खास बातचीत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि संघ हमारा पैतृक संगठन है और पैतृक संगठन ऐसे ही होते हैं, जैसे परिवार में माता-पिता होते हैं। उनके जो भी सुझाव आते हैं, पार्टी उसे अमल में लाती है।
आईएएनएस से बात करते हुए दुष्यंत गौतम ने आगे कहा कि चिंतन करना एक ऐसी प्रक्रिया है जो लगातार चलती रहती है। चुनाव में जब भी मनमाफिक नतीजा नहीं आता है तो चारों तरफ से सुझाव आते हैं। पार्टी लोकसभा चुनाव में आए नतीजों को लेकर आ रहे सुझावों पर विचार करेगी और चुनावी नतीजों का विश्लेषण भी करेगी।
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे विकास और जी-7 सम्मेलन का जिक्र करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में तेजी से विकास हो रहा है और दुनियाभर में भारत का डंका बज रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश विश्वगुरु बनकर रहेगा।
बता दें कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक, मुख्य सरंक्षक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम प्राप्त न करने पर बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधा है।
इंद्रेश कुमार ने कहा है कि भगवान राम की भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई थी, इसलिए 241 पर सिमट गई। इस चुनाव में उनका अहंकार ध्वस्त हो गया है। इन लोगों ने भगवान राम की भक्ति तो की थी, मगर इनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया। आज भगवान राम ने इनके अहंकार को खत्म कर दिया है। ये लोग इस चुनाव में प्रशंसनीय परिणाम नहीं दे पाए। शायद अब इन्हें लोकतंत्र की ताकत का एहसास हो चुका होगा। हालांकि, यह राम जी की ही कृपा थी कि भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बन सकी, इसके बावजूद भी ये लोग राम जी कृपा को नहीं समझ पाए। शायद इसलिए जो शक्ति भाजपा को इस चुनाव में मिलनी चाहिए थी, वो राम जी ने अहंकार के कारण रोक दी।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि भगवान राम के विरोधी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर पाए। बेशक नंबर एक पर नहीं आ पाए, लेकिन, नंबर दो पर बेहतर प्रदर्शन के साथ अपनी जगह मजबूत करने में सफल हुए। इसलिए हम सभी को एक बात समझ लेनी चाहिए कि प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, बल्कि बड़ा ही सत्य है। प्रभु की लीला अपरंपार है, जिसे इंसानी दिमाग नहीं समझ सकता।