नई दिल्ली: मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक उज्ज्वला योजना से देश भर की ग्रामीण महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। हजारों महिलाएं धुआं रहित रसोई से लाभान्वित हो रही हैं, क्योंकि गैस सिलेंडरों ने न केवल भोजन पकाने की सुविधाजनक विधि उपलब्ध कराई है, बल्कि उन्हें हानिकारक लकड़ी के धुएं से भी मुक्ति दिलाई है।
झारखंड के धनबाद जिले में उज्ज्वला योजना की कई महिला लाभार्थियों ने आईएएनएस के साथ अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह इस अग्रणी योजना ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया। धनबाद की कई ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि इस योजना के कारण उन्हें लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक खाना पकाने वाले ईंधन से उत्पन्न होने वाले धुएं से मुक्ति मिल गई है और खाना पकाने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है।
महिला लाभार्थी ज्योत्सना देवी ने आईएएनएस को बताया कि पहले उनके घर में सिलेंडर नहीं था, जिस कारण उनका खाना समय पर नहीं बन पाता था, लेकिन प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर मिलने के बाद पूरा परिवार खुश है। वह कम समय में खाना बना पा रही हैं, वहीं परिवार को धुएं से भी मुक्ति मिली है।
उन्होंने आगे कहा, "मैं उज्ज्वला योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करती हूं, जिसकी वजह से आज हमारे घर में गैस सिलेंडर पहुंचा है।" उज्ज्वला की एक अन्य लाभार्थी स्वीटी कुंभकार ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और उनके जीवन में बोझ कम करने के लिए मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया।"
उन्होंने कहा, "गैस सिलेंडर की वजह से मैं कम समय में खाना बना पा रही हूं। यह अच्छी योजना है, जिसका लाभ सीधे गरीब परिवारों की महिलाओं को मिल रहा है। धुएं से होने वाला प्रदूषण भी खत्म हो गया है।" प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) 1 मई 2016 को गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 तक इस योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक मुफ्त एलपीजी कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत, लाभार्थी सब्सिडी दरों पर गैस सिलेंडर पाने के हकदार हैं।