नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी के लिए आलोचना की, जिसमें उन्होंने 'समाज के अस्तित्व' को सुनिश्चित करने के लिए प्रजनन दर में वृद्धि की वकालत की थी।
दरअसल, नागपुर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या के घटते ग्राफ पर चिंता व्यक्त की और प्रजनन दर को 2.1 पर बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कई ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए भागवत ने चेतावनी दी कि बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थता के कारण समाज और भाषाएं लुप्त हो गई हैं। भागवत ने कहा, ''जनसंख्या 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए। हमारे देश की जनसंख्या नीति 1998 और 2002 के बीच तय की गई थी और किसी भी समाज के जीवित रहने के लिए, उसकी जनसंख्या इस स्तर से नीचे नहीं गिरनी चाहिए।''
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने मानसिक दिवालियापन का उदाहरण देते हुए भागवत और संघ पर समाज को विभाजित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ''यह घृणित बयान समाज की एकता को तोड़ने के उद्देश्य से है। उनका पूरा ध्यान देश को पीछे ले जाने पर है।''
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने कहा, ''किसी भी देश में जो अल्पसंख्यक रहता है, उस देश में वो किस तरीके से रहते हैं। इसी से किसी देश के सभ्य होने का सबूत मिलता है।''
उन्होंने राजस्थान विधानसभा में 'लव जिहाद' को बैन करने के लिए लाए गए बिल को 'बकवास' करार दिया। उन्होंने कहा, ''हिंदू-मुस्लिम को बांटने की भाजपा की पुरानी नीति रही है।''
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, ''वहां पर एक गलत शक्ल देने की कोशिश हो रही है। वहां की हकीकत क्या है, यह सभी को पता है।''