पुलिस जाति देखकर नहीं, अपराधी देखकर कार्रवाई करती है: ओम प्रकाश राजभर

Update: 2024-09-23 11:55 GMT
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि यूपी की सरकार और पुलिस जाति देखकर नहीं बल्कि अपराधी देखकर कार्रवाई करती है। वो उन्नाव एनकाउंटर को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
राजभर ने कहा, सुल्तानपुर में डकैती के आरोपी का जो उन्नाव में एनकाउंटर हुआ है, उसके लिए कहूं तो अपराधी की कोई जाति नहीं होती है। अपराधी, अपराधी होता है। सरकार उसको सजा देगी। 67 मुसलमान मारे गए। 20 ब्राह्मण मारे गए, 19 राजपूत मारे गए, 16 यादव मारे गए, 24 अति पिछड़ी जाति के लोग मारे गए और 26 अन्य लोग मारे गए। विपक्ष इन आंकड़ों पर चर्चा क्यों नहीं करता कि कितने लोग किस जगह से मारे गए। अगर वह जाति ही गिना रहे हैं तो वह सबकी जाति क्यों नहीं बताते। वह इस बात पर चर्चा क्यों नहीं करते। सरकार और पुलिस जाति देखकर नहीं, अपराधी देखकर कार्रवाई करती है।
अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ हुई शिकायत पर बोले, “यह कौन सी नई बात है। सांसद हो, विधायक हो, मिनिस्टर हो अगर उनके बेटे गलत करेंगे तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जेल भेजा जाएगा। जो कानून के तहत कार्रवाई है, वह की जाएगी।” मंत्री से लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद पर बैन की खबरों को लेकर पूछा गया तो बोले, “मंदिर की यह अच्छी पहल है। वहां भी जांच हो रही है, जो दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी।”
राजभर जिस एनकाउंटर की बात कर रहे हैं वो 23 सितंबर की तड़के उन्नाव में हुआ। दरअसल, सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार में सर्राफा व्यापारी भरत जी सोनी की दुकान में 28 अगस्त को डकैती की घटना हुई थी। इस मामले में एक लाख रुपए के ईनामी बदमाश अनुज प्रताप सिंह को एसटीएफ और यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया। वह अमेठी का रहने वाला था।
बताया जा रहा है कि लखनऊ एसटीएफ की टीम के साथ अभियुक्त अनुज और उसके एक साथी की उन्नाव में मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में अनुज के सिर पर गोली लगी, जबकि उसका साथी भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद पुलिस 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस से अभियुक्त को अस्पताल लेकर गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने उसके शव को मुर्दाघर भेज दिया है।
बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी मंगेश यादव की पुलिस के एनकाउंटर से मौत के बाद प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई थी। इस मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकार पर जाति देखकर लोगों का एनकाउंटर करने का आरोप लगाया था।
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