पीएम विश्वकर्मा योजना: नालंदा में कारीगरों के लिए नई उम्मीद, आसानी से मिल रहा लोन

Update: 2024-10-27 02:51 GMT
नालंदा: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने देश के कोने-कोने में रहने वाले कारीगरों के जीवन में नई उम्मीद जगाई है। इस योजना के तहत कई कारीगर अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं और अपनी आजीविका को बेहतर बना रहे हैं।
इस योजना का लाभ उठाने वाले कारीगरों में से एक हैं मुन्ना शर्मा, जो पिछले 35 साल से बाल-दाढ़ी बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह उनका खानदानी पेशा है और उनका परिवार पीढ़ियों से इसी काम में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि उनके आसपास भी कई लोग इस काम में जुटे हैं। मुन्ना शर्मा ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में जानकारी मोबाइल और टीवी पर देखकर हासिल की। उन्होंने योजना के लिए आवेदन किया है और उन्हें उम्मीद है कि इस योजना से उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी, जिससे वह अपने काम को और बेहतर तरीके से कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने गरीबों के लिए बहुत कुछ किया है। इस योजना के जरिए उन्होंने हमारी मदद की है। मैं मोदी जी का बहुत धन्यवाद करता हूं।
भीम ठाकुर ने बताया कि वह एक सैलून के मालिक हैं और पिछले 15 से 20 साल से इस व्यवसाय में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह व्यवसाय कई पीढ़ियों से चल रहा है। मेरे दादा-परदादा भी यही काम करते थे। मेरे परिवार में लगभग 20 लोग हैं। मेरे भाई और भतीजे भी इस काम में हाथ बंटाते हैं। लगभग एक साल पहले हमने पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए फॉर्म भरा था और हमें चयनित किया गया है। चयनित होने के बाद हमने प्रशिक्षण भी लिया है। इस प्रशिक्षण में हमें बताया गया है कि हम ग्राहकों के साथ किस तरह से बेहतर संवाद कर सकते हैं। हमें इस योजना के तहत लोन मिला। इस लोन का उपयोग हम अपने व्यवसाय को बढ़ाने में करेंगे।
भीम ठाकुर ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे लिए ऐसी योजना आएगी जो हमारे परिवार को मदद पहुंचाएगी। यदि और योजनाएं आएंगी तो हम और अधिक प्रगति करने की कोशिश करेंगे। मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने गरीब परिवारों का ख्याल रखा है। मैं सभी से कहना चाहता हूं कि पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाएं। जो लोग चयनित हुए हैं, उन्हें आगे आकर इस योजना का हिस्सा बनना चाहिए और दूसरों को इसके बारे में बताना चाहिए।"
राजेश कुमार ठाकुर ने कहा, "मैं एक दुकान चलाता हूं। मैं इस व्यवसाय को पिछले कुछ समय से कर रहा हूं। मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री की योजनाएं उन लोगों के लिए हैं जो मेहनत से काम करते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। अगर स्वच्छता के व्यवसाय में लोग मेहनत करेंगे, तो निश्चित रूप से यह उनकी जिंदगी में सुधार लाएगा। मेरे परिवार में कोई और इस काम में मदद नहीं करता। मेरी बेटी पढ़ाई कर रही है और मैं स्वयं ही दुकान का संचालन करता हूं। सरकार का नियम है कि एक लाख रुपये का लोन मिलेगा, और मैं इसे अपनी आवश्यकता के अनुसार लूंगा। मैं सभी को यह सलाह देना चाहूंगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और अपने व्यवसाय को बढ़ाएं।"
जिला उद्योग केंद्र नालंदा के महाप्रबंधक ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत नालंदा जिले में 614 कारीगरों को प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करने के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 53,139 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 11,261 को जिला स्तरीय समिति के पास भेजा गया और चार हजार आवेदनों को स्वीकृत किया गया। इसके बाद राज्य स्तरीय समिति ने 614 आवेदनों को अंतिम मंजूरी दी।
इन 614 कारीगरों को अब जन शिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद इन्हें टूलकिट और एक लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बढ़ई, लोहार, मोची, दर्जी, राजमिस्त्री, धोबी और नाई जैसे 18 प्रकार के शिल्पकारों को लाभ दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के माध्यम से कारीगरों को प्रशिक्षण, उपकरण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकें और अपनी आय बढ़ा सकें। नालंदा जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना को मिल रही भारी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि यह योजना कारीगरों के लिए कितनी उपयोगी साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से नालंदा जिले के हजारों कारीगरों का जीवन बदलने जा रहा है।
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