पीएम मोदी का 'परीक्षा पे चर्चा' पहल बच्चों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन : विशेषज्ञ
नई दिल्ली: पीएम मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम को लेकर सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट सोनाली सभरवाल ने सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बात की। सभरवाल कार्यक्रम के लिए विभिन्न क्षेत्रों से चुने गए 12 विशेषज्ञों में से एक थीं। उन्होंने बताया कि 'परीक्षा पे चर्चा' पहल बच्चों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।
सभरवाल ने आईएएनएस से कहा, "प्रधानमंत्री का संदेश कि आप हर चीज पर काबू पा सकते हैं और उनका टैगलाइन कि 'योद्धा बनो, चिंता करने वाले नहीं', बच्चों को महत्वपूर्ण महसूस कराता है। उन्होंने बच्चों को रात के समय जागते रहने की बजाय दिन में पढ़ाई करने की सलाह दी। प्रसिद्ध आंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बच्चों को यह भी सलाह दी कि "कैसे स्वस्थ आंत बनाए रखें, जिससे उनके मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर हो सके।"
परीक्षाओं से संबंधित बढ़ते तनाव और अधिक अंक लाने के दबाव के बीच, सभरवाल ने शुगर वाले कोल्ड्रिंक के सेवन को कम करने की सलाह दी, जो उनके दिमाग के लिए ठीक नहीं होता है। सभरवाल ने कहा, "आजकल चीनी का सेवन बढ़ गया है। इससे मस्तिष्क में असंतुलन हो सकता है, और छात्रों के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।"
विशेषज्ञ ने बच्चों और अभिभावकों को अपने खाने में ज्वार, बाजरा और रागी जैसे अनाज को शामिल करने की सलाह दी। सभरवाल ने आईएएनएस को बताया, "बच्चे आजकल घर से ज्यादा बाहर का खाना खा रहे हैं। उनके खाने में मुख्य रूप से पिज्जा, बर्गर और चॉकलेट शामिल है, जो शरीर में शर्करा के स्तर को काफी हद तक बढ़ा देते हैं।"
उन्होंने कहा, "इन खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। शुगर का बढ़ा हुआ स्तर आपके मूड को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और मस्तिष्क में असंतुलन पैदा कर सकता है।"
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने शकरकंद, चुकंदर और गाजर जैसे प्राकृतिक शुगर वाले खाद्य पदार्थ खाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक शुगर वाले ये खाद्य पदार्थ "आपकी मानसिक स्थिति को अच्छी स्थिति में रख सकते हैं"।