'नॉलेज विद संस्कार', 'नॉलेज विद वैल्यू' से व्यक्तित्व बनता है: नितिन गडकरी

Update: 2024-07-14 03:08 GMT
मुंबई: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को एक स्कूल के भूमि पूजन समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने स्कूल की शिक्षा पद्धति पर अपने विचार रखे।
गडकरी ने कहा कि हमारे देश में आज शिक्षा की स्थिति ऐसी है कि जहां स्कूल की बिल्डिंग है, वहां टीचर नहीं हैं, जहां टीचर है वहां बिल्डिंग नहीं है, जहां दोनों हैं, वहां पर विद्यार्थी नहीं हैं, और जहां पर तीनों है वहां पर पढ़ाई नहीं है।
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दसवीं, बारहवीं, एमए पास करना और इंजीनियर-डॉक्टर बनना ही शिक्षा का अंत नहीं है। यहां शिक्षा खत्म नहीं होती, सबसे बड़ी परीक्षा जीवन की परीक्षा है। एक अच्छे इंसान के रूप में आप जीवन की परीक्षा उत्तीर्ण होंगे तो यही शिक्षा का असली अर्थ है। 'नॉलेज विद संस्कार', 'नॉलेज विद वैल्यू' से व्यक्तित्व बनता है।
उन्होंने आगे कहा कि वह अपने जीवन में जॉर्ज फर्नांडिस को बहुत मानते हैं। वह एक बेहद संघर्षशील और ईमानदार व्यक्ति थे। कभी उनके पास पुलिस नहीं रहती थी। वह हमेशा साधारण कपड़े पहना करते थे। वह मुंबई में टैक्सी यूनियन के नेता थे। उनके सादे-सरल व्यवहार से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह पिछले 40-50 साल से राजनीति कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई हार पहनाता नहीं, और न ही वह किसी को हार डालते हैं। मुझे अपना स्वागत सत्कार अच्छा नहीं लगता है।
उन्होंने कहा, "मैं अपने कटआउट नहीं लगाता हूं। इसके ऊपर पैसा खर्च नहीं करता हूं। मैं जाति, पंथ, धर्म नहीं मानता हूं। जो भी व्यक्ति मेरे पास सही काम लेकर आता है, मैं उसे बिना भेदभाव के करता हूं।"
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