पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा के सीएम की गिरफ्तारी पर 'सस्पेंस', पीटीआई समर्थक संसद के सामने डटे

Update: 2024-10-06 10:33 GMT
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रविवार को भी तनाव बना रहा। दरअसल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। सैकड़ों पीटीआई समर्थकों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे पार्टी नेता इमरान खान से अगले निर्देश मिलने तक संसद के सामने डी-चौक पर विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के कथित तौर पर 'गिरफ्तारी' होने से जुड़ी खबरों के बाद तनाव और बढ़ गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि गंडापुर के पार्टी कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद में छोड़कर केपी हाउस में जाने के फैसले ने 'लोगों को चौंका दिया।' पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन ने बताया कि 'पीटीआई की राजनीतिक समिति ने मुख्यमंत्री के लापता होने की आलोचना की। समिति ने चेतावनी दी कि अगर गंडारपुर को गिरफ्तार किया गया तो इसके 'गंभीर परिणाम' होंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक समिति ने यह भी फैसला किया कि गंडापुर की गिरफ्तारी की स्थिति में, आजम स्वाति विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और स्वाति की गिरफ्तारी की स्थिति में, प्रदर्शनकारियों का मार्गदर्शन करने के लिए एक नए नेता की नियुक्ति की जाएगी। पीटीआई नेता शौकत यूसुफजई ने स्थानीय मीडिया से कथित तौर पर पुष्टि की कि गंडापुर केपी हाउस में ही हैं, जहां उन्होंने प्रशासन के समक्ष अपनी मांगें रखीं। इनमें पार्टी के संस्थापक इमरान खान की तत्काल रिहाई और पीटीआई की शिकायतों का निवारण शामिल है।
केपी सरकार के प्रवक्ता बैरिस्टर मोहम्मद सैफ ने दावा किया कि गंडापुर को गिरफ्तार कर लिया गया है, हालांकि बाद में उन्होंने एक्स पर लिखा कि केपी सीएम को औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया। सैफ ने इस बात पर जोर दिया कि गंडापुर 25 अक्टूबर तक जमानत पर हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी गिरफ्तारी से केपी लोगों के जनादेश का अपमान होगा और सरकार को इस तरह के 'असंवैधानिक और अवैध कामों' के लिए जवाब देना होगा।
इस बीच, पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने संकेत दिया कि सरकार की कार्रवाई के कारण विरोध जारी रहेगा। हालांकि केपी हाउस से बाहर निकलते समय, जब उनसे गंडापुर की संभावित गिरफ्तारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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