सनातन और अभिव्यक्ति की आजादी का विरोध कांग्रेस के डीएनए में : आरपी सिंह

Update: 2024-09-15 03:20 GMT
जम्मू: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार की आलोचना करते हुए कहा कि आपातकाल और अभिव्यक्ति की आजादी न होने देना कांग्रेस पार्टी के डीएनए का हिस्सा है।
आरपी सिंह ने कहा, "कांग्रेस पार्टी के डीएनए में है कि हमें अभिव्यक्ति की आजादी नहीं देनी, हमे पत्रकारों को आजादी नहीं देनी। सैम पित्रोदा के घर के अंदर एक पत्रकार ने यह पुछ लिया की क्या बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा राहुल गांधी उठाएंगे, जिसके बाद उसकी पिटाई की गई। पत्रकार से धक्का मुक्की की गई, दुर्व्यवहार किया गया, उसका फोन उससे छीन लिया गया और फोन का डेटा डिलीट कर दिया गया।"
उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि कांग्रेस का डीएनए इमरजेंसी वाला है, जो फूट-फूटकर बाहर निकलता है। वह इंदिरा गांधी थीं जिन्होंने इमरजेंसी लगाई थी। उनके बेटे राजीव गांधी और राहुल गांधी के पिता ने पोस्टल बिल लाकर अभिव्यक्ति की आजादी रोकने की कोशिश की थी। ये लोग सिर्फ अभिव्यक्ति की आजादी के विरोधी ही नहीं, ये लोग सनातन विरोधी भी हैं।
उन्होंने आगे कहा, "एक व्यक्ति की पिटाई सिर्फ इसलिए की जाती है, क्योंकि उसने पूछ लिया कि क्या आप बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे को उठाएंगे। इससे साफ होता है कि उनका डीएनए अभिव्यक्ति की आजादी और सनातन विरोध का है, जो बार-बार बाहर निकलता है। यह घटना यह भी दिखाती है कि कांग्रेस पार्टी हिंदुओं के साथ होने वाले अत्याचारों पर चुप्पी साध लेती है।"
उन्होंने आगे कहा कि वह अब विदेश की धरती पर भी किसी पत्रकार को प्रश्न पूछने से रोक रहे हैं। देश में तो वह पत्रकारों का बहिष्कार करते हैं, पत्रकारों की जाति पूछते हैं, उन पर कसीदे पढ़ते हैं। लेकिन, अब विदेश की धरती पर जाकर वैसे ही करते हैं।
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