ईवीएम के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के रुख को ठहराया गलत, कहा-जनादेश का करें सम्मान
नई दिल्ली: इंडिया गठबंधन के सदस्यों के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेद का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गठबंधन की बागडोर के बाद अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर मतभेद सामने आ गया है। नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से अलग विचार प्रकट करते हुए कहा है कि चुनाव हारने पर ईवीएम को दोष देना गलत है। कांग्रेस को यथार्थ को समझना चाहिए और जनादेश काे स्वीकार करना चाहिए।
पत्रकारों से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जब चुनाव जीतती है, तो इस मुद्दे पर शांत रहती है, तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठाया जाता, लेकिन जब चुनाव हारती है, तो ईवीएम पर सवाल उठाने लगती है। उसका यह दोहरा रवैया उचित नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि एक तरफ आप चुनाव में भाग भी लेते हैं और दूसरी तरफ ई्वीएम को गलत ठहराते हैं। कांग्रेस का यह रवैया गलत है। उसे एक स्टैंड लेना होगा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इसी ईवीएम के इस्तेमाल से कांग्रेस को 100 से अधिक सीटें प्राप्त हुईं। उस समय तो आप जीत का जश्न मनाते हैं और ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते, लेकिन कुछ समय बाद होने वाले दूसरे चुनावों में हार जाते हैं, तो ईवीएम पर दोष मढ़ देते हैं, यह गलत है। आपके अनुरूप चुनाव परिणाम आ जाए, तो ईवीएम ठीक है और अगर परिणाम आपके मंशा के विपरीत आए जाए, तो ईवीएम गलत हो जाता है, यह कैसे हो सकता है। जनता का निर्णय कुछ भी हो, उसे स्वीकार करना चाहिए, ईवीएम पर दोष नहीं मढ़ना चाहिए।
बातचीत के दौरान उमर से कहा गया कि आप तो भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि 'ईश्वर ना करें' और फिर कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है, जो सही है, वह सही है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी हार पर कहा कि उस दौरान जनता ने मुझे वोट नहीं दिया, तो मैं हार गया, उसमें ईवीएम का कोई दोष नहीं था, वह जनादेश था, जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार किया। उमर ने कहा कि वह सच को सच और झूठ को झूठ बोलते हैं। मात्र गठबंधन का सहयोगी होने के नाते वह गलत का समर्थन नहीं कर सकते।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता और चुनाव नतीजों पर संदेह जताया था और बैलेट पेपर के आधार पर चुनाव कराने की मांग की है।