45 दिन बाद कोमा से बाहर आई नर्स: वियाग्रा से बची जानी: जानी पूरी कहानी

Update: 2022-01-03 08:44 GMT

कोरोनावायरस के चलते कोमा में चली गई एक नर्स का जीवन वियाग्रा के उपयोग से बच गया। 37 साल की मोनिका अल्मेडा पिछले 45 दिनों से कोमा में थी और उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिल रही थी। दिन-प्रतिदिन गिरता उनका ऑक्सीजन लेवल उन्हें खतरे की ओर ले जा रहा था। ऐसे में मोनिका के साथ काम करने वाली नर्सों और डॉक्टरों ने वियाग्रा की मदद से उन्हें कोमा से बाहर निकाल लिया।

क्या था कोमा में रहने के दौरान मोनिका का ऑक्सीजन का लेवल लगातार कम हो रहा था, उनके एयरब्लॉक्स लगातार सिकुड़ते और बंद होते चले जा रहे थे। लेकिन इसी दौरान उनके सहकर्मियों ने सुझाव दिया कि उन्हें इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवा का डोज दिया जाए तो शायद मरीज का ऑक्सीजन लेवल बढ़ सकता है। इसके बाद ट्रीटमेंट का यह अनोखा आईडिया काम कर गया और वह कोमा से बाहर आ गई।

लिंक्स के गेन्सबोरो की निवासी मोनिका के मुताबिक जब उन्हें होश आया तो देखभाल कर रहे डॉक्टर ने बताया कि 'मुझे वियाग्रा की मदद से होश में लाया गया है।' एक बार तो मुझे लगा कि शायद यह एक मजाक था, लेकिन बाद में उन्होंने फिर से कहा कि यह सच है कि तुम्हें वियाग्रा की हेवी डोज दी गई थी। वियाग्रा की डोज के चलते मेरे शरीर का ऑक्सीजन लेवल बढ़ गया और मेरे फेफड़े ढंग से प्रतिक्रिया देने लगे थे।

पेशे से नर्स मोनिका, एनएसएच लिंकनशायर में कोरोना महामारी के बीच अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही थी तभी उन्हें कोरोना हो गया था। इसके बाद उन्हें खून की उल्टियां शुरू हो गई तो वह अस्पताल में भर्ती हुई लेकिन जल्द ही वह वापस घर लौट आई थी। हालांकि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद बीते 14 नवम्बर को फिर से उन्हें लिंकन काउंटी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।

मोनिका का लगातार ऑक्सीजन लेवल गिरता देख डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भेज दिया, जहां से वह कोमा में चली गई। इसके बाद अच्छे से सांस न ले पाने के चलते मोनिका की बॉडी में खून का प्रवाह कम होने लगा। लेकिन इसी बीच मोनिका की सहयोगी नर्सों के सुझाव के बाद डॉक्टरों ने उन्हें वियाग्रा की डोज दी। दरअसल वियाग्रा के असर से धमनियां चौड़ी हो जाती हैं और खून का प्रवाह तेज हो जाता है। जिससे फेफड़े भी खुलकर ऑक्सीजन ले पाते हैं।

37 वर्षीय मोनिका अल्मेडा इस मैजिकल ट्रीटमेंट से चकित तो है लेकिन पहले से स्वस्थ भी है। अब मोनिका का घर पर ही इलाज जारी है।


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