नई दिल्ली: भारत में 5जी यूजर्स की संख्या 2029 के अंत तक 84 करोड़ के करीब पहुंच सकती है, जो कि मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या का 65 प्रतिशत होगा। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2029 तक मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या बढ़कर 1.3 अरब पहुंचने की संभावना है।
एरिक्सन के एग्जीक्यूटिव वीपी और नेटवर्क के प्रमुख फ्रेड्रिक जेज्डलिंग ने कहा कि जून 2024 की एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट दिखाती है कि 5जी मोबाइल सब्सक्रिप्शन तेजी से ऊपर जा रहा है। अच्छे मोबाइल ब्रॉडबैंड और फिक्स्ड वायरलेस तक एक्सेस प्रमुख उपयोग के मामले हैं, जिससे ऐसे संकेत मिलते हैं कि 5जी क्षमताएं सेवा प्रदाताओं को प्रभावित कर रही हैं।
वैश्विक स्तर पर 2029 के अंत तक 5जी सब्सक्रिप्शन की संख्या 5.6 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। 2029 के अंत तक वैश्विक स्तर पर कुल मोबाइल सब्सक्राइबर का 60 प्रतिशत 5जी यूजर्स होने का अनुमान इस रिपोर्ट में जताया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में बड़े स्तर पर मिड-बैंड डिप्लॉयमेंट किया गया है और 2023 के अंत तक कवरेज 90 प्रतिशत आबादी तक थी। 2023 के अंत तक 5जी सब्सक्राइबर्स की संख्या 11.9 करोड़ तक पहुंच गई, जो कि कुल यूजर्स का 10 प्रतिशत था।
केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सर्विसेज के लिए 96,238.45 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर दी है। इसमें अलग-अलग बैंड के 10,522.35 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो इन्फोकॉम भाग ले रही हैं।