उत्तर कोरिया ने पहली बार यूरेनियम संवर्धन केंद्र को लेकर किया अहम खुलासा

Update: 2024-09-13 08:16 GMT
सोल: उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन आत्मरक्षा के लिए अपने परमाणु हथियारों को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने परमाणु हथियारों के लिए यूरेनियम संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी है।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम ने यह आह्वान परमाणु हथियार संस्थान और "हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री उत्पादन बेस" के दौरे के दौरान किया। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि परमाणु सामग्री उत्पादन केंद्र कहां स्थित है और किम जोंग उन ने इसका दौरा कब किया था। केसीएनए ने कहा, "उन्होंने यूरेनियम संवर्धन बेस के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और किम को जब यह बताया गया कि बेस गतिशील रूप से परमाणु सामग्री का उत्पादन कर रहा है,तो उन्होंने बहुत संतोष व्यक्त किया।"
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने अपने यूरेनियम संवर्धन संयंत्र का विवरण सार्वजनिक किया है। केसीएनए ने कहा कि किम ने पार्टी के 'परमाणु हथियारों से लैस बलों' के निर्माण वाली सोच के मुताबिक आत्मरक्षा हेतु परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। यूरेनियम संवर्धन सुविधा का उपयोग यूरेनियम को सेंट्रीफ्यूज में रखकर और उसे उच्च गति पर घुमाकर अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम आवश्यक है।
वहीं, दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया प्योंगयांग के निकट कांगसन परमाणु परिसर और योंगब्योन परमाणु स्थल पर यूरेनियम संवर्धन सुविधाएं संचालित करता है। उत्तर कोरिया ने साल 2010 में प्रसिद्ध अमेरिकी परमाणु वैज्ञानिक सिगफ्रीड हेकर को योंगब्योन स्थित अपने यूरेनियम संवर्धन संयंत्र का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया था। इसके अलावा, किम ने सेंट्रीफ्यूज की पृथक्करण क्षमता में सुधार लाने तथा नए प्रकार के सेंट्रीफ्यूज के विकास में तेजी लाने का आह्वान किया, ताकि "हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री के उत्पादन के लिए आधार को और मजबूत किया जा सके।"
यूरेनियम संवर्धन सुविधा का अचानक सार्वजनिक खुलासा के पीछे का कारण नवम्बर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को माना जा रहा है। इसे उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमताओं का प्रदर्शन करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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