नई दिल्ली: भविष्य में राजमार्गों को फिजिकल टोल प्लाजा फ्री करने के उद्देश्य से नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की ओर से द्वारिका एक्सप्रेसवे के लिए बैंकों से देश के पहले मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह योजना सफल हो जाती है तो 28 किलोमीटर लंबे द्वारिका एक्सप्रेसवे पर एकमात्र टोल प्लाजा समाप्त हो जाएगा और वाहनों के डेटा के आधार पर बैंकों से पैसे काटे जाएंगे।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कहा गया है कि आने वाले वर्षों में सड़कों से टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे। द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए एनएचएआई एक बैंक को शामिल करेगा, जिसकी मदद से यूजर्स से टैक्स वसूला जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टोलिंग सिस्टम में उपकरण और सेंसर होंगे, जिसके माध्यम से गुजरने वाले वाहनों का डेटा इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम को भेजा जाएगा। इसके बाद जानकारी बैंक तक जाएगी। फिर बैंक फास्टैग वॉलेट से टोल के लिए उपयुक्त राशि काट लेगा। अगर ड्राइवर की ओर से टोल का भुगतान नहीं किया जाता है तो वाहन पोर्टल और ऐप पर टोल न भुगतान होने की लगातार जानकारी दिखती रहेगी।
एनएचएआई कई और एक्सप्रेसवे पर मल्टी-लेन फ्री फ्लो सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात की निर्बाध आवाजाही के लिए जीआईएस-आधारित सॉफ्टवेयर के साथ लगभग 100 टोल प्लाजा को ट्रैक करेगी। टोल प्लाजा पर लाइव मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग प्रणाली देशभर के टोल प्लाजा पर यूजर्स को यातायात के मुक्त प्रवाह और परेशानी मुक्त टोलिंग अनुभव को प्रदान करने में मदद करेगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, इन टोल प्लाजा की पहचान 1033 राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त फीडबैक के आधार पर की गई है। जीआईएस-आधारित सॉफ्टवेयर एनएचएआई की कंपनी भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) द्वारा विकसित किया गया है।