महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी फेड मीटिंग समेत इन फैक्टर्स से अगले हफ्ते तय होगी बाजार की चाल
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता हफ्ता काफी नुकसान वाला रहा। बाजार लगातार तीन हफ्तों की तेजी का क्रम तोड़ते हुए लाल निशान में बंद हुए। इस दौरान सेंसेक्स में 1.43 प्रतिशत और निफ्टी में 1.52 प्रतिशत की गिरावट हुई।
बीते हफ्ते बाजार में गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका से कमजोर जॉब डेटा का आना था, जिसके कारण दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का खतरा पैदा हो गया है। वहीं, एमएससीआई में भारत का वेटेज चीन से अधिक हो गया है और ज्यादा वैल्यूएशन के कारण भारतीय शेयर बाजार के वेटेज में कटौती की संभावना बढ़ गई है।
ऐसे में आना वाला हफ्ता बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। वैश्विक और घरेलू स्तर पर कई फैक्टर्स बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी फेड की बैठक काफी अहम होने वाली है, जो कि सितंबर के मध्य में होगी। इस बार अमेरिका का केंद्रीय बैंक ब्याज दर में बड़ी कटौती का ऐलान कर सकता है। ऐसे में इसे लेकर आने से किसी भी अपटेड असर बाजार पर दिख सकता है।
घरेलू स्तर पर महंगाई के आंकड़े 12 सितंबर को सरकार द्वारा जारी किए जाएंगे। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा की जाने वाली खरीद-बिक्री और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से बाजार की दिशा तय होगी। स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट में वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ प्रवेश गौर का कहना है कि निफ्टी में कमजोर के संकेत देखने को मिले हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मुख्य सूचकांक 24,850 से थोड़ा-सा ऊपर बंद हुआ है जो कि अहम सपोर्ट है। अगर यह इसके नीचे फिसलता है तो 24,000 के लेवल तक जा सकता है। निफ्टी के लिए 24,600-24,450 का जोन एक अहम सपोर्ट है। वहीं, ऊपर की तरफ 25,000 से लेकर 25,200 का जोन एक अहम रुकावट का स्तर है।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज में डायरेक्टर पल्का अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि सरकार बैंकों में कमजोरी के कारण निफ्टी बैंक 50,800 के नीचे बंद हुआ है। निफ्टी बैंक के लिए 50,500 एक अहम सपोर्ट लेवल है। अगर यह टूटता है तो 49,800 का लेवल भी इंडेक्स में देखने को मिल सकता है। वहीं, 51,200 और फिर 51,800 एक अहम रुकावट का स्तर है।