ममता बनर्जी ने हिंदू वोटों को विभाजित करने के लिए कांग्रेस-सीपीआईएम को दी खुली छूट : सुवेंदु अधिकारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पर कांग्रेस और सीपीआईएम के साथ साठगांठ का आरोप लगाया है। उन्होंने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि ममता ने बंगाल में कांग्रेस और सीपीआईएम को हिंदू वोटों को विभाजित करने की खुली छूट दे दी है।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और सीपीआईएम को हिंदू वोटों को विभाजित करने की खुली छूट दी है। वह (ममता) किसी भी चीज की योजना बनाने में बहुत चतुर हैं। उन्होंने राज्य में सीपीआईएम को जिंदा करके रखा है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस और सीपीआईएम को पांच फीसदी से अधिक हिंदू वोट मिला था। अगर उस समय के नतीजे उठाकर देखें तो पता चलेगा कि भाजपा के 12 उम्मीदवार एक लाख से कम वोटों से चुनाव हारे थे।"
उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी जानती हैं कि मुस्लिम वोट पूरी तरह से टीएमसी के पक्ष में आएंगे, इसलिए वह हिंदू वोट तोड़ने के लिए कांग्रेस और सीपीआईएम की मदद कर रही हैं। मुझे लगता है कि ममता बनर्जी की पार्टी मुस्लिम लीग 2 है। टीएमसी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है और राज्य सरकार सीमा पर बाड़ लगाने के लिए बीएसएफ को जमीन नहीं दे रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में छह नए मदरसे बनाने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, उन्होंने मुस्लिम समाज को ओबीसी की लिस्ट में भी डाल दिया है। यह फैसला असंवैधानिक है। यहां धर्म के आधार पर मुस्लिमों को ओबीसी में डाला जा रहा है। मुझे लगता है कि टीएमसी हिंदू वोट को तोड़ने के लिए ये साजिश रच रही है और इसलिए बंगाल की जनता 2026 के विधानसभा चुनाव में करारा जवाब देगी।"
सुवेंदु अधिकारी ने ‘इंडिया गठबंधन’ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस नाम का कोई गठबंधन नहीं है। यह लोग सिर्फ अवसरवादी हैं, इसलिए यह सिर्फ चोरों और भाई-भतीजावादियों का गठबंधन था। इंडिया अलायंस को बनाने का उद्देश्य यही था कि अपने परिवार के लोगों का हित किया जाए। विपक्ष ने ईडी और सीबीआई को रोकने के लिए गठबंधन बनाया था। यह गठबंधन अब खत्म हो चुका है।
नेता प्रतिपक्ष ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के अस्तित्व को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "जिस दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी के बुलावे पर केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व यहां नहीं आया था, उसी दिन बंगाल में कांग्रेस खत्म हो गई थी।"