नई दिल्ली: मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर तीन दिवसीय आधिकारिक भारत दौरे पर सोमवार देर शाम दिल्ली पहुंचे। दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की पहलों पर काम कर रहे हैं, जिन्हें 2015 में उन्नत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया था।
नवंबर 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद मलेशियाई प्रधानमंत्री की यह पहली भारत यात्रा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री इब्राहिम का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा।
इसके बाद वह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाएंगे। हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वह द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
समझौता ज्ञापनों और प्रेस वक्तव्यों के आदान-प्रदान के बाद प्रधानमंत्री मोदी मलेशियाई नेता के सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन करेंगे। बाद में दिन में प्रधानमंत्री इब्राहिम का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का कार्यक्रम है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मलेशियाई नेता से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत और मलेशिया के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों को 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान उन्नत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया था। चूंकि दोनों देश अगले साल उन्नत रणनीतिक साझेदारी के दूसरे दशक में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की यात्रा भविष्य के लिए बहु-क्षेत्रीय सहयोग एजेंडा तैयार करके भारत-मलेशिया द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।"
मलेशियाई पीएम के साथ वहां की विदेश मंत्री उतामा हाजी मोहम्मद बिन हाजी हसन, व्यापार और उद्योग मंत्री तेंगकू दातुक सेरी उतामा ज़फरुल अज़ीज़, पर्यटन मंत्री दातो श्री टियोन किंग सिंग, डिजिटल मंत्री गोबिंद सिंह देव और मानव संसाधन मंत्री स्टीवन सिम ची केओंग भी हैं। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इब्राहिम भारतीय उद्योग जगत के कई दिग्गजों के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लेंगे और भारतीय विश्व मामलों की परिषद (आईसीडब्ल्यूए) में 'एक उभरते वैश्विक दक्षिण की ओर: मलेशिया-भारत संबंधों का लाभ उठाना' शीर्षक से एक व्याख्यान भी देंगे।
मलेशियाई विदेश मंत्रालय द्वारा पीएम इब्राहिम के भारत आगमन से पहले जारी एक बयान में कहा गया है, "वर्ष 2023 में मलेशिया और भारत का कुल व्यापार 76.62 अरब मलेशियाई रिंगिट (16.53 अरब अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया। इसमें मलेशिया को 15.89 अरब रिंगिट (3.43 अरब अमेरिकी डॉलर) का अधिशेष प्राप्त हुआ। भारत मलेशिया का पाम ऑयल और पाम ऑयल-आधारित उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक है। पिछले साल भारत ने 11.31 अरब रिंगिट (2.44 अरब डॉलर) का आयात किया। भारत से मलेशिया के प्रमुख आयातों में पेट्रोलियम उत्पाद (6.62 अरब रिंगिट या 1.44 अरब डॉलर) और हलाल मांस (5.79 अरब रिंगिट या 1.27 अरब डॉलर) सहित कृषि उत्पाद शामिल थे।"
मलेशिया आसियान सदस्य देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और 2023 में आठ दक्षिण एशियाई देशों में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। यह भी उम्मीद है कि अपनी यात्रा के दौरान मलेशियाई प्रधानमंत्री ब्रिक्स गठबंधन में शामिल होने के लिए भारत का समर्थन मांगेंगे। ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस गठबंधन में 1 जनवरी, 2024 को चार नए सदस्य - मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हुए हैं।