जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को जसरोटा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक राजीव जसरोटिया के आवास पर स्वामी रामस्वरूप योगाचार्य से मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के बारे में चर्चा की। उपराज्यपाल ने प्रदेश के लोगों की शांति और समृद्धि के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा।
उपराज्यपाल ने स्वामी रामस्वरूप योगाचार्य को एक प्रबुद्ध संत, योग गुरु और प्रख्यात विद्वान बताया। उन्होंने उनके संस्कृत के प्रचार-प्रसार और भारत की महान सभ्यता के आदर्शों तथा मूल्यों को बढ़ावा देने में उनके शानदार योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा, "संस्कृत और सामाजिक उत्थान के लिए स्वामी की निःस्वार्थ सेवा हम सभी को अपने पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करने तथा समाज के लिए काम करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने के लिए प्रेरित कर रही है।"
उन्होंने भारत की समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के संकल्प को साझा किया।
उपराज्यपाल ने कहा, "सर्वव्यापी भारतीय संस्कृति, मूल मूल्यों, कलात्मक परंपराओं और 'वसुधैव कुटुम्बकम, विश्व को एक परिवार' की भावना का प्रचार-प्रसार हमारी प्राथमिकता है। भारत आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील दुनिया का निर्माण करेगा।"
उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत और अपने प्रतिभाशाली मानव संसाधनों के साथ 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। इस यात्रा में हर क्षेत्र के लोगों, विशेष रूप से वैज्ञानिकों और अध्यात्म वादियों को आगे आकर विकास प्रक्रिया को नई गति देने की जरूरत है।
मनोज सिन्हा ने कहा, "संतों को समानता और न्याय को सक्षम करने में नागरिकों की अंतरात्मा की आवाज बननी चाहिए। समाज की समृद्धि के लिए सामाजिक जागृति की जरूरत है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति, बुद्धिजीवियों, संतों को एक उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए मूल मूल्यों को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "शांति और समृद्धि की खोज जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व की मांग करती है। जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए व्यक्तियों को निहित स्वार्थ से ऊपर उठना चाहिए।"
वेद मंदिर योल के स्वामी रामस्वरूप योगाचार्य ने आज जसरोटा विधायक राजीव जसरोटिया द्वारा उनके निवास पर आयोजित धार्मिक समारोह के दौरान प्रवचन दिए और वेदों की शिक्षाओं का प्रचार किया। उन्होंने कहा, "वेद सार्वभौमिक भाईचारे की बात करते हैं। वेदों की शिक्षाओं को सुनने और उनका पालन करने की जरूरत है, जो जाति, रंग और पंथ के बावजूद सभी मनुष्यों के लिए सार्वभौमिक रूप से लागू हैं। वैदिक ज्ञान सीधे ईश्वर से निकलता है, जो ब्रह्मांड का निर्माण करने के बाद सभी मनुष्यों का निष्पक्ष रूप से पालन-पोषण करता है।"
उन्होंने कहा कि वैदिक ज्ञान के अभाव के कारण ही ज्यादातर लोग सही रास्ते से भटक रहे हैं। इसलिए अध्ययन और संतों की रचनाओं से पता चलता है कि जब तक वैदिक संस्कृति के मूल नियमों का सभी लोग अध्ययन नहीं करेंगे, तब तक स्त्री-पुरुष का सम्मान स्थापित नहीं हो सकता। सरकार का यह हमेशा से कर्तव्य रहा है कि वह सुनिश्चित करे कि स्कूलों और विश्वविद्यालयों में वेदों की शिक्षा दी जाए, ताकि राष्ट्र का भविष्य पिछले युगों की तरह मजबूत हो सके।
बता दें कि इससे पहले योगाचार्य स्वामी रामस्वरूप महाराज ने भाजपा विधायक राजीव जसरोटिया के निवास पर हवन और यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने वेद-शास्त्रों से प्रवचन सत्र आयोजित किए। इस अवसर पर स्वामी ने वेदों और अन्य संतों से स्वयं द्वारा रचित आध्यात्मिक गीत गाए।