नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को हुए हंगामे के उपरांत नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि आज जिस तरह की घटना घटी है और जो विपक्ष का व्यवहार रहा है, वह बहुत ही असंसदीय और अमर्यादित है। उन्होंने कहा कि यह सदन आज की घटना की निंदा करता है और प्रस्ताव करता है कि ऐसी घटना की घोर निंदा की जाएं।
नड्डा ने कहा, मैंने पहले भी कहा है कि किसी पार्टी का विरोध करते-करते देश का विरोध करना अति निंदनीय है। राज्यसभा में कांग्रेस समेत विपक्ष के अन्य सांसद, भाजपा के घनश्याम तिवारी द्वारा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में की गई एक टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर पक्ष व विपक्ष के सांसदों के बीच कहासुनी चल रही थी। इसी दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के लहजे पर सवाल उठाया।
इसके बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया व विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। नेता सदन जेपी नड्डा ने विपक्ष के रवैया की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष इस बात के लिए प्रेरित रहता है कि किसी भी कारण से हाउस न चले। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में हुए हंगामे और विपक्ष के सांसदों के व्यवहार की निंदा की।
कृषि मंत्री ने कहा, मैं अब तक 12 बार विधानसभा व लोकसभा में चुनकर आया हूं लेकिन अपने जीवन में विपक्ष का ऐसा अमर्यादित व अशोभनीय व्यवहार कहीं नहीं देखा। उन्होंने विपक्षी सांसदों पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी दैवेगौड़ा का भी समर्थन मिला।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सात बार एमएलए, पांच बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि अपने इस लंबे संसदीय जीवन के दौरान यह उनका अब तक का सबसे खराब अनुभव रहा है।
केंद्रीय मंत्री जंयत चौधरी ने भी विपक्ष के रवैये पर विरोध जताया। उन्होंने इस बात पर भी अपना विरोध जताया कि वरिष्ठ सदस्य (जया बच्चन) ने सभापति को एक सहकर्मी बताया। उन्होंने कहा कि सभापति जिस पद को संभाल रहे हैं, उसकी एक मर्यादा है। हम सब सदन के बाहर मित्र या सहयोगी हो सकते हैं। उन्होंने सदन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की बात कही।