भारत में कमर्शियल लेनदेन में बड़े ऑफिस स्पेस की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत हुई

Update: 2024-09-13 10:32 GMT
मुंबई: देश के शीर्ष आठ शहरों में जनवरी-जून के बीच हुए कुल कमर्शियल लेनदेन में बड़े ऑफिस स्पेस की हिस्सेदारी बढ़कर 45 प्रतिशत के करीब हो गई है। शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
नाइट फ्रैंक इंडिया की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 की पहली छमाही में 1,00,000 स्क्वायर फीट से ज्यादा के ऑफिस स्पेस के लेनदेन में सालाना आधार पर 54 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। जनवरी से जून 2024 की अवधि में 15.69 मिलियन स्क्वायर फीट के लेनदेन हुए हैं, 2023 की पहली छमाही में यह आंकड़ा 10.18 मिलियन स्क्वायर फीट था।
1,00,000 स्क्वायर फीट से ज्यादा के ऑफिस स्पेस लेनदेन में बेंगलुरु समीक्षा अवधि में सबसे आगे रहा है। 2024 की पहली छमाही में बेंगलुरु में कुल 4.5 मिलियन स्क्वायर फीट के ऑफिस स्पेस लेनदेन हुए हैं। नाइट फ्रैंक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा कि भारत में ऑफिस स्पेस लेनदेन में बढ़ोतरी होने की वजह कंपनियों द्वारा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) का विस्तार करना है। बड़े ऑफिस लेनदेन में हैदराबाद और मुंबई दूसरे और तीसरे नंबर पर है। इन दोनों शहरों में क्रमश: 3.08 मिलियन स्क्वायर फीट और 2.66 मिलियन स्क्वायर फीट के लेनदेन हुए थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि 50,000 स्क्वायर फीट से लेकर 1,00,000 स्क्वायर फीट के 7.28 मिलियन स्क्वायर फीट के लेनदेन हुए हैं। इसमें सालाना आधार पर 70 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। मिड-ऑफिस सेगमेंट में मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा लेनदेन हुए हैं। दोनों शहरों में प्रत्येक में लेनदेन का आंकड़ा 1.57 मिलियन स्क्वायर फीट रहा है। हैदराबाद में कुल 1.29 मिलियन स्क्वायर फीट के लेनदेन हुए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी से जून 2024 अवधि में 50,000 स्क्वायर फीट से छोटे ऑफिस स्पेस के 11.7 मिलियन स्क्वायर फीट के लेनदेन हुए हैं। इसमें सालाना आधार पर 0.08 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
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