पिछले 10 साल से कालकाजी विधानसभा क्षेत्र उपेक्षा का शिकार : अलका लांबा

Update: 2025-01-30 03:05 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में तमाम सियासी दलों की ओर से प्रचार अभियान तेज है। कालकाजी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने बुधवार को क्षेत्र में रोड शो किया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अलका लांबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पिछले 10 साल से कालकाजी क्षेत्र के लोग आम आदमी पार्टी की सरकार से परेशान हैं। यहां के विधायक और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विकास के नाम पर इस क्षेत्र में कुछ नहीं किया है।
उन्होंने कहा, "मैं सुबह आठ घंटे से लोगों से जनसंपर्क कर रही हूं। मैं लोगों से मिल रही हूं और जनता भी मुझसे मिलना चाहती है, क्योंकि उनके पास कई समस्याएं हैं, जिनका वे समाधान चाहते हैं। भाजपा और आप दोनों ने पिछले 10 वर्षों से कालकाजी की उपेक्षा की है। यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। जनता बदलाव चाहती है और कांग्रेस पार्टी एक विकल्प बनकर उभरी है। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी बड़े अंतर से जीत दर्ज करके इतिहास रचने जा रही है।"
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को मैदान में उतारा है। अलका लांबा 2015 में आप के टिकट पर चांदनी चौक से निर्वाचित हुईं थीं। आम आदमी पार्टी नेतृत्व से मतभेद के बाद उन्होंने 2019 में आप छोड़ दी थी और कांग्रेस का दामन थाम लिया था। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में अलका लांबा ने कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ा था, लेक‍िन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
दिल्ली की हॉट सीट बन चुकी कालकाजी विधानसभा सीट पर भाजपा बीते तीन दशक से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इस बार भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है। बिधूड़ी पूर्व में दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा सांसद रहे हैं। इस सीट पर 15 साल तक अपना दबदबा रखने वाली कांग्रेस भी जीत का दावा कर रही है। बीते तीन चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने इस बार यहां से अलका लांबा को टिकट दिया है।
बहरहाल, इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने 2015 और 2020 में जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी तीसरी बार इस सीट पर जीत हासिल करने का दावा कर रही है।
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