जेडीयू का नेतृत्व पारदर्शी, नई जिम्मेदारी देने के लिए सीएम नीतीश कुमार का आभार : श्याम रजक
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया।
पार्टी में जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने कहा कि, मैं पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस जिम्मेदारी के लिए धन्यवाद देता हूं। किसी भी संगठन व किसी भी राजनीतिक दल के लिए तीन विषय बहुत महत्वपूर्ण हैं। एक उसका विचारधारा स्पष्ट होना चाहिए, दूसरा उसके पास विकास को लेकर एक नजरिया होना चाहिए और तीसरा जो केंद्रीय नेतृत्व है, उसकी छवि दागदार नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से पारदर्शी होनी चाहिए।
जदयू की विचारधारा सामाजिक न्याय पर आधारित है। समाज के निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। नीतीश सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। हर एक वर्ग के लिए योजनाएं बना रही है। जितनी योजनाएं नीतीश कुमार के नेतृत्व बनी है, उतनी योजनाएं किसी और राज्य में नहीं बनी है। हर एक वर्ग के लोग उससे लाभान्वित है और उसका लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि, सीएम नीतीश कुमार अजातशत्रु है। नेतृत्व का जो चेहरा है, उसमें ना परिवारवाद है, ना भ्रष्टाचार है। मेरा मानना है कि हर तरह से पारदर्शी नेतृत्व है और इसके प्रति पूरे देश के लोगों में एक आशा है। नीतीश कुमार की विचारधारा, विकास को लेकर उनकी सोच हमारी और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सोच है। संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने और मजबूत बनाने में मैं योगदान देने को तैयार हूं। आगे भी पार्टी और नीतीश कुमार जो भी जिम्मेदारी देंगे, मैं उसे निभाने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि, मैं पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की विरासत का एक पुंज हूं। उन्होंने मुझे संघर्ष और लोगों के बीच काम करने का सीख दिया था। सीएम नीतीश कुमार जो जिम्मेदारी देंगे, उसे निश्चित रूप से निभाने का काम करूंगा। मैं उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।
बिहार के प्रमुख दलित नेता श्याम रजक इसी साल 1 सितंबर को राजद छोड़कर जदयू में फिर से शामिल हो गए थे। रजक ने आरजेडी के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था, लेकिन बाद में वह जेडी(यू) में चले गए, जहां उनका काफी प्रभाव था।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में फुलवारीशरीफ से चुनाव लड़ने की उम्मीद के साथ वो राजद में शामिल हुए थे। हालांकि उनकी महत्वाकांक्षा तब विफल हो गई, जब महागठबंधन में सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत फुलवारीशरीफ सीट सीपीआई (एमएल) को आवंटित कर दी गई।
इस फैसले के बाद उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला, जिससे उनमें निराशा बढ़ती गई। राजद में न तो उन्हें विधानसभा का टिकट दिया गया और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उनके नाम पर विचार किया गया। इसके बाद राजद के राष्ट्रीय महासचिव रहे रजक ने इस साल 22 अगस्त को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।