नई दिल्ली: शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को भाजपा और कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि दोनों पार्टियों को राजनीति के लिए जवाहरलाल नेहरू या वीर सावरकर का नाम लेना बंद करना चाहिए। इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने जवाहर लाल नेहरू और वीर सावरकर को देश की धरोहर बताते हुए आदित्य ठाकरे से कांग्रेस को सलाह देने की अपील की।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "यह जो सुझाव दिया गया है, वह अपने साथियों को देना चाहिए, खासकर नए साथी कांग्रेस को। नेहरू जी देश की धरोहर हैं, और इसी तरह राष्ट्र निर्माण में सावरकर की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता। सावरकर के खिलाफ जो दुष्प्रचार किया गया है और जो हमले उनकी विरासत पर कांग्रेस पार्टी ने किए हैं, वह लंबे समय से जारी रहे हैं। उदाहरण के लिए, सेल्युलर जेल में सावरकर की जो तख्ती लगी हुई थी, उसे भी कांग्रेस ने हटवाकर फेंकवा दिया था। इसके बाद काफी आंदोलन हुए, तब जाकर वह तख्ती फिर से स्थापित की गई। ये जो पूर्वाग्रह हैं, इसका कारण कांग्रेस ही बेहतर तरीके से बता सकती है। अगर यह गलतफहमी है, तो उसे ठीक करना चाहिए। हमें यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि नेहरू और सावरकर दोनों के प्रति सम्मान होना चाहिए, क्योंकि दोनों ही राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता थे।"
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हर मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस नेता का 'प्रेरणा स्रोत' विदेश में है। इस पर नकवी ने कहा, "यह बात सही है कि राहुल गांधी के विदेशी प्रोफेसर का सनातनी संस्कार और संस्कृति के प्रति जो नजरिया है, वह घातक है और उसका असर राहुल गांधी पर भी पड़ा है। दरअसल, उन प्रोफेसर के दिमाग में जो सनातनी संस्कारों और संस्कृति के प्रति नकारात्मक सोच है, वही राहुल गांधी पर भी प्रभाव डाल रही है। इसी वजह से, वह न केवल सड़क पर उल्टी-सीधी बातें करते हैं, बल्कि संसद में भी हमारे देश के सनातनी इतिहास के बारे में गलत और भ्रामक बातें बोलते हैं। यह पूरी तरह से सनातनी संस्कारों और संस्कृति के प्रति नकारात्मक है।"