जवाहर सरकार का राज्यसभा से इस्तीफा उनका निजी फैसला : तृणमूल

Update: 2024-09-08 10:35 GMT
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद पार्टी इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। उसने इसे उनका निजी फैसला बताया है।
सरकार ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या, तथा राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में संसद के ऊपरी सदन से इस्तीफा देने की घोषणा की है। सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे उनका "निजी मामला" बताया है।
घोष ने कहा, "उन्होंने जो पत्र लिखा है, वह उनका निजी फैसला है। हम उनके पत्र और उनके द्वारा उठाए गए कुछ सवालों से सहमत हैं, लेकिन इस्तीफा देना उनका निजी फैसला है।" साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पार्टी में रहकर पार्टी को आवश्यक सुधार पर सलाह दे सकते थे।
उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि मुख्यमंत्री और हमारी पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी समाज के पक्ष में रुख अपनाएंगे।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर उनके जैसे समर्पित सैनिक हैं, जो कुछ बिंदुओं पर जवाहर सरकार से सहमत हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में, सरकार ने दावा किया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी किसी सरकार और सत्तारूढ़ व्यवस्था के खिलाफ ऐसी शिकायत और अविश्वास नहीं देखा है। सरकार ने पत्र में लिखा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस मुद्दे पर मौजूदा विरोध पूरी तरह से गैर-राजनीतिक रहा है। इसलिए इस आंदोलन को राजनीतिक बताकर इसका विरोध करना अनुचित होगा। यह आंदोलन सिर्फ पीड़ित के लिए न्याय के लिए नहीं हो रहा है, बल्कि राज्य सरकार और सत्तारूढ़ व्यवस्था के खिलाफ भी है।"
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