लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान सत्र में हुई कुछ घटनाएं संसदीय लोकतंत्र के लिए चिंताजनक रही हैं। विधायिका का दायित्व कार्यपालिका को नियंत्रित करना है, लेकिन यदि विधायिका स्वयं अनुशासनहीन होगी, तो वह अपने इस दायित्व का पालन नहीं कर सकती।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। पिछले ढाई वर्षों में सदन में कोई व्यवधान नहीं हुआ। यदि हाल में एक दिन व्यवधान हुआ है, तो यह चिंताजनक है। सभी सदस्यों को संसदीय गरिमा और उच्च परंपराओं का पालन करना चाहिए। यह जिम्मेदारी स्वयं सदस्यों की है। संसदीय लोकतंत्र जनहित के लिए है और इसे मजबूत बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को मिलकर प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने बताया कि विधानसभा की छवि सुधारने और उसे एक आदर्श संस्थान के रूप में स्थापित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चित हो रही है। हाल ही में आयोजित सीपीए (कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन) बैठक के बाद, विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत विधायकों को पांच समूहों में विभाजित कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। इनमें प्रमुख विषय हैं : इनमें मानदंड मानक और दिशा निर्देश सर्वोत्तम प्रणाली को अपनाकर संसदीय संस्थाओं को सुदृढ़ बनाना, वोट बनाम लाइक : असत्य समाचारों और कृत्रिम मीडिया के युग में लोकतांत्रिक लचीलापन सुदृढ़ करने में संसद की भूमिका, मानदंड मानक और दिशा निर्देश : सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर संसदीय संस्थाओं को सुदृढ़ करना, भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला : लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध 365 दिनों की सक्रियता और संसदीय प्रक्रियाओं और प्रयासों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एआई का उपयोग और चुनौतियां।
उन्होंने बताया कि 18वीं विधानसभा के तहत विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम पहले भी आयोजित किए जा चुके हैं। आगामी संवाद कार्यक्रमों में विधायकों को जनहित के कार्यों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया के प्रभाव पर भी जोर देते हुए कहा कि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की खबरें तेजी से फैलती हैं। इसके समाधान के लिए संवाद कार्यक्रमों में चर्चा की जाएगी, ताकि विधायकों को इन चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सके।
उन्होंने सभी विधायकों से अपील की कि वे संसदीय गरिमा को बनाए रखें और जनहित के लिए समर्पित होकर कार्य करें।