पिछले तीन साल में भारत की जीडीपी वृद्धि दर औसत 8.3 प्रतिशत रही: आरबीआई गवर्नर

Update: 2024-06-26 08:25 GMT
मुंबई: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की जीडीपी स्थिर रूप से 8 प्रतिशत की विकास दर की तरफ बढ़ रही है। इसकी वजह अहम आर्थिक सुधार जैसे जीएसटी का होना है।
बॉम्बे चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की 188वीं एजीएम (एनुअल जनरल मीटिंग) में दास ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में भारत की औसत जीडीपी वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रही है। इस वर्ष जीडीपी के 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। आगे कहा कि भारत के आर्थिक विकास की गति मजबूत बनी हुई है और यह आने वाले महीनों में और मजबूत होगी और देश 8 प्रतिशत की विकास दर पाने के रास्ते पर स्थिर गति से बढ़ रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ने कहा कि निजी सेक्टर की ओर से पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है और आगे इसके और तेज होने की उम्मीद है। इससे ग्रोथ को और सहारा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बाद भी भारत तेज गति से आर्थिक विकास कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में वैश्विक ग्रोथ में भारत का योगदान 18.5 प्रतिशत का रहा है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि 7 से 8 वर्ष पहले यह काफी कम थी। वृद्धि दर बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बड़े आर्थिक सुधार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी), दिवाला और दिवालियापन संहिता का आना है।
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी 1947 के बाद देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसने काफी सारे टैक्स को खत्म कर दिया और वस्तुओं और सेवाओं पर केवल एक ही टैक्स लगता है। हर महीने करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये से लेकर 1.7 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हो रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि तेज आर्थिक वृद्धि दर के कारण भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अर्थव्यवस्था रैंकिंग में भारत फिलहाल पांचवें नंबर पर है।
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