नई दिल्ली: अगले 3 से 5 साल में 31 शहरों के 152 भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन सकते हैं। फिलहाल इनकी संख्या 67 है। एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है। एएसके प्राइवेट वेल्थ हारून इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में बताया गया है कि 2024 में भारत में 67 यूनिकॉर्न, 46 गजेल्स और 106 चीता हैं। वहीं, 2023 में 68 यूनिकॉर्न, 51 गजेल्स और 96 चीता थे।
रिपोर्ट के अनुसार, यूनिकॉर्न का मतलब उन स्टार्टअप से है जो 2000 के बाद स्थापित हुए हैं और उनका वैल्यूएशन एक अरब डॉलर है। गजेल्स का मतलब उन स्टार्टअप से है जो अगले तीन वर्षों में यूनिकॉर्न बन सकते हैं। वहीं, चीता का मतलब उन स्टार्टअप से है, जो अगले पांच वर्षों में यूनिकॉर्न बन सकते हैं। फिनटेक सेक्टर में सबसे ज्यादा आठ गजेल्स हैं। इसके बाद एसएएएस में छह, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और एडटेक में पांच-पांच गजेल्स हैं।
इंडेक्स में गजेल्स में शीर्ष पर ऐडटेक स्टार्टअप लीप स्कॉलर, फिनटेक स्टार्टअप मनी व्यू और एग्रीटेक स्टार्टअप कंट्री डिलाइट को जगह दी गई है। इसके बाद एग्रीटेक स्टार्टअप निंजाकार्ट और एसएएएस स्टार्टअप मोएंगेज को जगह दी गई है। हारून इंडिया के एमडी और चीफ रिसर्चर, अनस रहमान जुनैद ने कहा कि इस साल इंडेक्स में कुछ कंपनियों ने बड़ी छलांग लगाई है। ट्रैवल कंपनी इक्सिगो जो पहले एक चीता था, 2022 में हमने उम्मीद जताई थी कि यह अगले पांच वर्षों में यूनिकॉर्न बन जाएगी, लेकिन इस कंपनी ने गजेल्स के स्टेटस को पीछे छोड़ते हुए सीधा आईपीओ ला दिया।
उन्होंने आगे कहा कि जैप्टो, पोर्टर और इनक्रेड फाइनेंस ने यूनिकॉर्न स्टेट्स हासिल किया है। वहीं, 10 चीता ने गजेल्स का स्टेटस हासिल किया है, जो कि भारतीय स्टार्टअप कल्चर की मजबूती और प्रभाव को दिखाता है।