'जालंधर उपचुनाव में हार की जिम्मेदारी मेरी': पंजाब पीसीसी अध्यक्ष वारिंग

Update: 2024-07-20 11:35 GMT
चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने जालंधर उपचुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैं बतौर अध्यक्ष हार की जिम्मेदारी लेता हूं।
इस बातचीत में उन्होंने पार्टी के भीतर चल रही खींचतान की ओर भी इशारा किया। मुस्कुराते हुए कहा, “जब कभी कहीं चुनाव संपन्न होता है, तो एक मशीनरी अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ करती है। ऐसे में जिम्मेदारी पूरी मशीनरी की बनती है, लेकिन कोई बात नहीं, मैं कांग्रेस की पंजाब इकाई का अध्यक्ष हूं, तो मुझे पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेने में कोई गुरेज नहीं है।”
हाल ही में संपन्न हुए जालंधर उपचुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था। यहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मोहिंदरपाल भगत ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने 3,7325 वोट हासिल किए थे। बीजेपी की शीतल अंगुरा दूसरे नंबर पर रहीं। उन्हें 1, 7921 वोट मिले थे और तीसरे नंबर पर कांग्रेस की सुरिंदर कौर थी जिन्हें 1,6757 वोट मिले थे।
वोट प्रतिशत के लिहाज से सभी प्रत्याशियों के प्रदर्शन को देखें तो मोहिंदरपाल भगत को 58.39 प्रतिशत, शीतल अंगुराल को 18.94 प्रतिशत, कांग्रेस की सुरिंदर कौर को 17.71 प्रतिशत वोट मिले। शिरोमणि अकाली दल की सुरजीत कौर को 1.31 फीसदी वोट मिले और वो मात्र 1, 242 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रही।
जालंधर उपचुनाव के लिए गत 10 जुलाई को वोटिंग हुई थी। यहां 54.90 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस सीट का इतिहास रहा है कि कोई भी एक पार्टी जीत को दोहरा नहीं पाती है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने इस मिथक को तोड़ते हुए जीत अपने नाम की।
2012 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी। 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी। तो उपचुनाव में एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी।
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