ऑर्थोपेडिक सर्जरी के बाद यूं रहें फ़िट और सेहतमंद

ऑर्थोपेडिक सर्जरी के पहले ज़्यादातर मरीज़ों में सबसे अधिक

Update: 2023-06-06 05:28 GMT
हेल्थ | ऑर्थोपेडिक सर्जरी के पहले ज़्यादातर मरीज़ों में सबसे अधिक चिंता यह होती है कि ‘क्या मैं पहले की तरह चल-फिर पाऊंगी/पाऊंगी?’ डॉक्टर्स इसी से जुड़े सवालों के जवाब देने में अपना सबसे अधिक समय बिताते हैं. मरीज़ों की यह चिंता स्वाभाविक भी है, क्योंकि उन्हें अपने लगभग सभी शुभचिंतकों से यही सुनने मिलता है,‘अच्छा तो आपकी सर्जरी होनेवाली है, अब आप दौड़ नहीं सकेंगे’, ‘आपको ज़्यादा आराम की ज़रूरत होगी, अब आपकी ज़िंदगी पहले जैसी नहीं रहेगी,’. आप ख़ुद से ही यह सवाल पूछें, जाने-अनजाने आपने भी कई बार उन लोगों को इस तरह की सलाह दी होगी, जिनकी मेज़र स्पाइन या नी सर्जरी होने वाली होती है.
प्रोफ़ेसर डॉ प्रदीप भोसले, डायरेक्टर, ऑर्थराइटिस ऐंड जॉइंट रीप्लेसमेंट सर्जरी, नानावटी सुपर स्पेशैलिटी हॉस्पिटल, बताते हैं,‘‘मैं ख़ुद एक मैराथन रनर रहा हूं. जब मुझे नी सर्जरी से गुज़रना पड़ा, मैंने सर्जरी से पहले की इन सलाहों और कमेंट्स को ग़लत साबित कर दिखाया. मैंने सर्जरी के बाद मैराथन दौड़कर दिखाया है.’’
डॉ भोसले आगे कहते हैं,‘‘किसी भी तरह की सर्जरी का हमारे शरीर पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है. एक ऑर्थोपेडिक सर्जरी तो बड़ी बात है ही, ख़ासकर अगर हम पहले की तरह सेहत और फ़िटनेस पाना चाहते हों. यहां उन कुछ बेहद ज़रूरी बातों पर नज़र डालते हैं, जिन्हें अपनाकर आप ऑर्थोपेडिक सर्जरी के बाद भी पहले की तरह फ़िटनेस पा सकते हैं.’’
आप जो भी खाते हैं, उसका असर हमेशा आपके शरीर पर दिखता है, फिर चाहे आप सेहतमंद हों या बीमार. हां, जब आपका शरीर बीमार होता है या आप किसी सर्जरी के बाद रिकवरी पीरियड में होते हैं, आपको अपने शरीर को सेहतमंद और पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें देनी चाहिए. उस दौरान जंक फ़ूड या कम पोषक तत्वों वाली चीज़ों का सेवन करने से रिकवरी रेट धीमी पड़ जाती है. तो ऑर्थोपेडिक सर्जरी हुई हो या कोई दूसरी सर्जरी यह सुनिश्चित करें कि आप सेहतमंद, पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें ही खाएं, इससे आपके शरीर को हीलिंग के लिए आवश्यक विटामिन और प्रोटीन मिलने में आसानी होगी. सर्जरी के बाद शरीर को विटामिन ए, विटामिन सी और ज़िंक की अधिकतावाली चीज़ों की अधिक ज़रूरत होती है, इससे हीलिंग प्रोसेस तेज़ होता है. वहीं प्रोटीन की अधिकता यह सुनिश्चित करती है कि शरीर का रिपेयर वर्क स्मूदली हो जाए.
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