ऐतिहासिक गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी : सम्राट चौधरी

Update: 2024-12-13 03:27 GMT
पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित पालीगंज अनुमंडल के दुल्हिन बाजार प्रखंड के भरतपूरा गांव स्थित गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय सह संग्रहालय का गुरुवार को 112वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इस समारोह में बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी शामिल हुए और कार्यक्रम की शुरुआत भी की।
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय सह संग्रहालय ऐतिहासिक धरोहर है। इसके विकास के लिए पूर्व में भी बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने काम किया है। सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व में भवन का निर्माण कराया। आने वाले समय में बिहार सरकार इस पुस्तकालय सह संग्रहालय को अपने अधीन लेकर विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ाने का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इतिहास को संजोए रखने का काम कर रही है, आने वाले समय में गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय सह संग्रहालय को कॉरिडोर से जोड़ने का काम भी करेगी, ताकि देश-विदेश से छात्र और शोधकर्ता आएं और बिहार के इतिहास के बारे में जान सकें। यहां 2000 साल से पहले के ऐतिहासिक दस्तावेज सुरक्षित रखे गए हैं। पूर्व में कई बार चोरी भी हुई। लेकिन, सीबीआई के जरिए इसे बरामद कर लिया गया। इस पुस्तकालय सह संग्रहालय के बगल में ऐतिहासिक उलार सूर्य मंदिर है और मंदिर के विकास के लिए बिहार सरकार काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार इसे भी कॉरिडोर से जोड़ने का काम करेगी ताकि मंदिर और पुस्तकालय सह संग्रहालय के इतिहास के बारे में देश-विदेश से आने वाले लोगों को जानकारी मिल सके। इसके साथ ही आसपास के गांव को भी इससे काफी फायदा होगा। इसके पहले उप मुख्यमंत्री ने पुस्तकालय के मुख्य द्वार पर बने स्व. गोपाल नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय सह संग्रहालय के अध्यक्ष सह पालीगंज एसडीओ अमनप्रीत सिंह और सचिव मुकेश धारी सिंह ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का स्वागत किया। अधिकारियों ने संग्रहालय में रखे ऐतिहासिक दस्तावेज और पांडुलिपियों सहित संग्रहालय के इतिहास के बारे में सम्राट चौधरी को जानकारी दी।
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