हिमाचल: प्रकृति के कहर से ग्रामीण पलायन को मजबूर

Update: 2024-08-11 03:13 GMT
पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में लगातार मूसलाधार भारी बारिश हो रही है। बादल फटने और भूस्खलन से बड़ी संख्या मेें लोग प्रभावित हुए हैं। इसके चलते ग्रामीण अब अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं।
भाजपा मंडल अध्यक्ष रमेश तोमर ने कहा कि रेतुवा कालाम गांव में 19 जुलाई को भारी बारिश हुई थी। इसके चलते बादल फटा और एक व्यक्ति की मौत भी हो गई, जबकि 9 परिवार बेघर हो गए। वहां पर कम से कम 100 बीघा जमीन तहस-नहस हो गई और खेत तबाह हो गए।
हाल ही में फिर भारी बारिश के चलते वहां पर मलबा इकट्ठा हो गया। प्राइमरी स्कूल और सामुदायिक भवन मलबे के कारण दब गया। 150 बीघा जमीन बर्बाद हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि मैंने शुक्रवार को आपदा प्रभावित रेतुवा कला गांव का दौरा किया। वहां के 50 से 60 परिवार इससे पीड़ित है। गांव की 400 बीघा जमीन बर्बाद हो गई है। पूरा इलाका डेंजर जोन में तब्दील हो चुका है। मेरा सरकार से अनुरोध है कि पोटा विधानसभा के इस पंचायत पर भी नजर रखी जाए। वहां पर हालात बेहद खराब हो चुके हैं।
कुछ दिन पहले पोटा के विधायक चौधरी सुखराम ने भी वहां का दौरा किया था। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया था, लेकिन मैं प्रशासन से एक बार मौजूदा हालात का जायजा लेने का अनुरोध करता हूं। वहां पर लोग डरे हुए हैं, वो अपने घर पर नहीं रह रहे हैं, उनको दूसरी जगहों पर शरण लेना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर आगे भी इसी तरह की बारिश होती रही तो वहां पर खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इलाके में दोबारा प्रशासन को भेजा जाए। रेतुवा गांव में कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे वहां की जमीन और मकानों की सुरक्षा हो सके।
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