लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नोएडा को 'डायनामिक सिटी' के रूप में पहचान मिले और केवल औद्योगिक ही नहीं, एडवांस्ड अर्बन एमिनिटीज वाले आधुनिक शहर के तौर पर ब्रांडिंग मजबूत हो सके, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नोएडा में 'वाइब्रेंट कल्चरल स्पेस' को चिह्नित कर उसकी विकास प्रक्रिया को गति देने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने इस क्रम में प्रक्रिया शुरू करते हुए नॉलेज पार्टनर का चयन शुरू कर दिया है, जिसके पूरा होने से टास्क फोर्स के गठन को गति मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि टास्क फोर्स में प्राधिकरण व जिला स्तर के विभिन्न अधिकारी भी शामिल होंगे। यह टास्क फोर्स विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर जारी कार्य की प्रोग्रेस रिपोर्ट, मॉनिटरिंग, डिटेल्स के संकलन से डेटाबेस निर्माण, निवेश के अवसर तलाशने, टूरिस्ट अट्रैक्शन को डेवलप करने और क्षेत्र की रचनात्मकता बढ़ाने जैसे कार्यों को पूरा करेगा।
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नोएडा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो औद्योगिक विकास और वैश्विक व्यापार को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने कई लाभ के बावजूद, नोएडा को उभरते या 'नियोजित शहरों' से जुड़ी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इसकी चुनौतियों को दूर करके एक जीवंत, आत्मनिर्भर और रहने योग्य शहरी समुदाय के तौर पर ब्रांडिंग की जाएगी, जो जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि पर फोकस करेगा।
नोएडा की ब्रांडिंग केवल औद्योगिक शहर तक ही सीमित नहीं होगी, बल्कि नोएडा की 'डायनामिक सिटी' के तौर पर ब्रांडिंग की जाएगी, जो अपने यंग जेनरेशन बेस्ड पॉपुलेशन, मॉडर्न सिविक एमेनिटीज और आधुनिक सुख-सुविधाओं युक्त शहर के तौर पर फोकस करेगा।
यहां पर टूरिस्ट अट्रैक्शन डेवलप करने, सेल्फी प्वॉइंट डेवलप करने, इन स्थानों के चिन्हांकन, वहां जरूरी विकास व निर्माण कार्य को गति देने और उसकी ब्रांडिंग करने पर फोकस किया जाएगा।
टास्क फोर्स इंटीग्रेटेड इंप्लिमेंटेशन विंग के तौर पर कार्य करेगी। इसके द्वारा नोएडा की ब्रांडिंग की एक कार्य योजना बनाई जाएगी, जिसे एक्शन प्लान नाम दिया जाएगा। यह शहर को लेकर शेयर्ड विजन, यूनिक लोकल कैरेक्टर का आइडेंटिफिकेशन, नोएडा के प्राइड प्वॉइंट्स को पहचानने और उन्हें विभिन्न स्तरों पर प्रमोट करने जैसी गतिविधियों को पूरा करने पर बेस्ड होगी।
इसे इंटीग्रेटेड स्ट्रैटेजी के तौर पर प्राधिकरण व जिला प्रशासन के साथ शेयर किया जाएगा, जिसके बाद क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू होगी। इस दौरान पब्लिक इंगेजमेंट, व्यावसायिक व निवेश अवसर और टूरिज्म प्रमोशन पर भी फोकस किया जाएगा। माना जा रहा है कि सितंबर के तीसरे हफ्ते से इस परियोजना पर कार्य शुरू हो जाएगा।