पूर्व IAS विवेक ढांड का जन्मदिन आज

Update: 2023-03-25 12:27 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कद्दावर ब्यूरोक्रेट विवेक ढांड आज 65 साल के हो गये। 1981 बैच के IAS रहे ढांड के नाम सूबे के सबसे लंबे समय तक प्रशासनिक मुखिया रहने का रिकॉर्ड है। 2018 में अपनी मुख्य धारा की प्रशासनिक पारी से रिटायरमेंट लेने वाले विवेक ढांड , आज भी उतने ही चुस्त-दुरुस्त हैं, जितने की वो 2018 के पहले थे। प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बेहद लोकप्रिय ढांड , जब आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तो उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देने की होड़ लगी है। जन्मदिन मनाने और विश करने को लेकर उनकी एक बेहद ही प्यारी आदत है, जिसे उन्होंने वर्षों से संभाल रखा है। वो IAS के ग्रुप में सबसे हर किसी के जन्मदिन को सबसे पहले विश करते हैं। कई ब्यूरोक्रेट तो कहते हैं, कि ढांड सर के मैसेज से ही पता चलता है कि आज किनका जन्मदिन है।

2014 में रमन कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक मुखिया की कमान संभालने वाले विवेक ढांड करीब पौने चार साल तक चीफ सिकरेट्री रहे। ढांड के नाम पर सबसे लंबे समय तक चीफ सिकरेट्री रहने का रिकार्ड है। यही नहीं कीर्तिमान के नजरिये से विवेक ढांड के नाम और भी उपलब्धियां दर्ज हैं। 2018 में उन्होंने VRS अप्लाई किया और फिर रेरा के वो पहले चेयरमैन बने। रेरा चेयरमैन से रिटायरमेंट के बाद अब उन्हें नवाचार आयोग का पहला चेयरमैन बनाया गया है। इससे पहले की बात करें तो छत्तीसगढ़ के वो पहले IAS थे, जो माटीपुत्र से प्रशासनिक मुखिया के पद तक पहुंचे। 2014 में पहली बार ऐसा हुआ, जब मुख्य सचिव के पद पर रायपुर के ही किसी छात्र की ताजपोशी हुई है।

विवेक ढांड की छवि अनुशासित अफसर की रही है। श्री ढांड ने रायपुर स्थित साइंस कॉलेज से पढ़ाई की है। गणित विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए साइंस कॉलेज में अध्यापन कार्य भी किया। जिस वक्त ढांड साइंस कॉलेज में पढ़ाते थे, उस वक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहां के स्टूडेंट थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब अपने कॉलेजे के दिनों को याद करते हैं, तो अपने शिक्षक रहे विवेक ढांड का भी जिक्र जरूर करते हैं। वर्ष 1979 से 1980 तक शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर में सहायक प्राध्यापक (गणित) के रूप में रहे। साल 1981 में पहले ही प्रयास में ही उनका सेलेक्शन IAS में हो गया। गणित और रसायन शास्त्र विषय के साथ IAS में पूरे देश में उन्हें 14वां स्थान मिला था। अविभाजित मध्यप्रदेश में अपने बैच में उस वक्त वो सबसे युवा थे। श्री ढांड को अविभाजित सरगुजा जिला में बतौर कलेक्टर वर्ष 1986-87 में पहली पोस्टिंग मिली।

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