किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार होना चाहिए : अभिमन्यु कोहाड़
खनौरी बॉर्डर: अपनी मांगो को लेकर पंजाब-हरियाणा से किसान एक बार फिर दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ, किसानों को रोकने के लिए कंटीले तार और तमाम तरह के अवरोध सड़क पर लगाए गए हैं। किसानों के दिल्ली कूच पर अब सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने खनौरी बॉर्डर पर आईएएनएस से बात करते हुए सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ कहा कि दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों को पुलिस ने रोका और उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जिससे कुछ किसान घायल हो गए। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बताते हुए कहा कि किसान वर्ग को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन दिल्ली में उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही।
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, "हम पहले भी कह चुके हैं कि सरकार को ट्रैक्टर ट्रॉलियों से दिक्कत है। कई भाजपा मंत्री यह कहते थे कि किसान बिना ट्रैक्टर के पैदल या बस में आ सकते हैं। गत 4 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने सरकार के अधिकारियों ने कहा था कि किसान ट्रैक्टर छोड़कर भी आ सकते हैं, लेकिन आज जब 101 किसान दिल्ली जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और आंसू गैस छोड़े गए। कुछ किसान घायल भी हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण है और किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि 26 तारीख को आमरण अनशन का ऐलान किया गया था। इस दौरान कहा गया था यदि 10 दिन के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से 100 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए निकलने वाला था। लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने इसे रोक दिया।
उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, लेकिन इस लोकतंत्र में देश के सबसे बड़े वर्ग यानी किसान वर्ग को दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की भी जगह नहीं दी जा रही है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है और देश की संवैधानिक संस्थाओं को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।