मिस्र, मलेशिया ने की मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा स्थापित करने की अपील
काहिरा: मिस्र और मलेशिया ने मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा स्थापित करने की अपील की है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह अपील मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी और मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के बीच काहिरा में हुई बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में की गई। दोनों देशों ने फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार, यानी एक स्वतंत्र देश की स्थापना के अधिकार को फिर से समर्थन दिया।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से फिलिस्तीन के पूर्ण सदस्यता आवेदन पर विचार करने की अपील की, जो 10 मई 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए एक प्रस्ताव के अनुरूप है। मलेशिया ने फिलिस्तीनियों के लिए गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने में मिस्र के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।
साथ ही, दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय, मानवीय और मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन करने वाले इजरायल के सैन्य कार्यों की निंदा की, जिससे लेबनान की संप्रभुता और अखंडता भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने इजरायल के लेबनान में हमलों और हवाई हमलों की निंदा की, जिसमें निर्दोष नागरिक मारे गए और इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ।
दोनों देशों ने तुरंत संघर्ष-विराम की आवश्यकता पर जोर देते हुए लेबनान की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन का समर्थन किया। मलेशिया के प्रधानमंत्री मिस्र की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जो दोनों देशों के बीच 65 साल के कूटनीतिक संबंधों की वर्षगांठ का प्रतीक है।