नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का प्रचार अब अपने अंतिम दौर में है। इस बीच बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एनएसयूआई के छात्रों पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया। एबीवीपी ने कहा कि एनएसयूआई के छात्र डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज में गेट तोड़कर अंदर घुसे और छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की।
इसके जवाब में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने कहा कि मिरांडा हाउस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने बवाल किया है। एनएसयूआई के मुताबिक उनके लिए छात्र कल्याण और महिला छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। जबकि, एबीवीपी विभाजनकारी और भटकाने वाली राजनीति का सहारा ले रही है। प्रोफेसरों की पिटाई और फर्जी डिग्रियां बनवाना ही एबीवीपी की हकीकत है।
एनएसयूआई के मुताबिक मिरांडा हाउस की छात्राओं ने बार-बार एबीवीपी के नफरत भरे एजेंडे को खारिज किया है। हम हर साल देखते हैं कि मिरांडा हाउस की छात्राएं दृढ़ता से एबीवीपी की राजनीति को अस्वीकार करती हैं। एबीवीपी के प्रत्याशियों में मिरांडा हाउस की छात्राओं का सामना करने की हिम्मत नहीं है।
एनएसयूआई का कहना है कि बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव प्रचार के दौरान एबीवीपी द्वारा मिरांडा हाउस में एनएसयूआई के प्रचार को बाधित करने का प्रयास किया गया। एबीवीपी की फ़ितरत है झूठा प्रचार करना और छवि धूमिल करना।
एनएसयूआई के रवि पांडे का कहना है कि एबीवीपी कार्यकर्ता, जो मिरांडा के स्टूडेंट्स नहीं हैं, उन्होंने हमारे डूसू उम्मीदवारों के प्रचार को रोकने और झगड़ा करने की कोशिश की। यह स्पष्ट रूप से हिंसा फैलाने का प्रयास है, लेकिन छात्र निर्णायक प्रतिक्रिया देंगे।
एनएसयूआई का पक्ष रखते हुए रवि ने कहा, हमने अपने मेनिफेस्टो में साफ कहा है कि एनएसयूआई प्रत्येक सेमेस्टर में 12 दिनों के मेन्स्ट्रुअल लीव सुनिश्चित करेगी, साथ ही परिसर में महिला छात्रों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। एबीवीपी की घटिया हरकतों और गर्ल्स कॉलेज में हिंसा फैलाने के प्रयास का दिल्ली विश्वविद्यालय और मिरांडा हाउस के स्टूडेंट्स करारा जवाब देगें। परिसर में किसी भी प्रकार की धमकी और विभाजन का हम दृढ़ता से विरोध करते हैं।