डूसू चुनाव : एनएसयूआई के लिए छात्रों के बीच पहुंचे कन्हैया कुमार और अन्य कांग्रेस नेता
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर सोमवार को पूर्वांचल से जुड़े छात्रों के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों से पहले भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने छात्रों का समर्थन हासिल करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया।
इस कार्यक्रम के दौरान कन्हैया कुमार समेत कई कांग्रेसी नेता एनएसयूआई के समर्थन में आगे आए। बिहार निवासी कन्हैया कुमार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर उत्तर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
एनएसयूआई का कहना है कि चुनावों में उनको पूर्वांचल के छात्रों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस कार्यक्रम में पूर्वांचल के छात्रों ने अच्छी संख्या में हिस्सा लिया। यहां छात्रों के बीच अपनी बात रखते हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने पूर्वांचल क्षेत्र के साथ अपने गहरे नाते और यादों को व्यक्त किया।
चौधरी ने कहा, "मेरा पूर्वांचल से व्यक्तिगत जुड़ाव है, मैं लंबे समय तक एनएसयूआई पूर्वांचल का प्रभारी था। हाल के लोकसभा चुनावों में, पूर्वांचल के लोगों ने इंडिया गठबंधन को रोजगार और बदलाव के मुद्दे पर भरपूर वोट दिया। उसी प्रकार, मैं मानता हूं कि आगामी छात्र संघ चुनावों में पूर्वांचल के छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वे रोजगार और बेहतर शिक्षा के मुद्दे एनएसयूआई को वोट देंगे।"
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के इस कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी शिरकत की। एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष नदीम जावेद भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
एनएसयूआई का कहना है कि इन कांग्रेस नेताओं ने छात्रों को एनएसयूआई के नेतृत्व में एक उज्जवल भविष्य के लिए एकजुट होने को प्रेरित किया। छात्रों के बीच पहुंचे छात्र संघ चुनाव के उम्मीदवारों का कहना था कि वे पूर्वांचल के छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यहां उन्होंने एनएसयूआई के लिए वोट मांगते हुए कहा कि पूर्वांचल से कांग्रेस पार्टी और आज़ादी के आंदोलन का गहरा रिश्ता रहा है और यह गांधी-नेहरू के विरासत की धरती है। पूर्वांचल के युवाओं-छात्रों ने लगातार न्याय की आवाज उठाई है। आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में भी यह साफ दिखेगा, जब छात्र बढ़ती फ़ीस और गिरते इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ वोट करेंगे।