नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एनसीबी सहित देश भर की सभी कानून-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 2024 में करीब 25330 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किया गया, जो 2023 में जब्त 16100 करोड़ रुपये के मुकाबले 55 प्रतिशत से अधिक है।
यह सफलता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में अपनाई गई 'बॉटम टू टॉप' और 'टॉप टू बॉटम' अप्रोच और वित्तीय विभाग, सभी राज्यों की पुलिस और एजेंसियों के बेहतर समन्वय का प्रमाण है। पीएम मोदी की नशामुक्त भारत की कल्पना को साकार करने के लिए केंद्र और राज्यों के सभी विभाग 'होल ऑफ गवर्नमेंट अप्रोच' के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
साल 2024 में जो मादक पदार्थों की जब्ती हुई, उनमें अधिक संख्या में ज्यादा हानिकारक और नशे की लत वाले सिंथेटिक ड्रग्स, कोकीन और साइकोट्रोपिक पदार्थों के रूप में उपयोग की जाने वाली फार्मास्युटिकल दवाएं हैं, जिनका मूल्य बहुत ज्यादा है।
2024 में जब्त किए गए मेथामफेटामाइन जैसे एटीएस की मात्रा 2023 में 34 क्विंटल से दोगुनी से भी अधिक होकर 80 क्विंटल हो गई है। इसी तरह कोकीन की मात्रा भी 2023 में 292 किलोग्राम से बढ़कर 2024 में 1426 किलोग्राम हो गई। जब्त की गई मेफेड्रोन की मात्रा भी 2023 में 688 किलोग्राम के मुकाबले 2024 में करीब पांच गुना बढ़कर 3391 किलोग्राम और हशीश की मात्रा 2023 में 34 क्विंटल से बढ़कर 2024 में 61 क्विंटल हो गई। इसके अलावा मनोदैहिक पदार्थों के रूप में दुरुपयोग की जाने वाली फार्मास्युटिकल दवाओं की संख्या (गोलियां) 1.84 करोड़ से बढ़कर 4.69 करोड़ हो गई।
2024 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर प्रमुख अभियान चलाए गए। फरवरी 2024 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन लोगों की गिरफ्तारी और 50 किलोग्राम स्यूडोफेड्रिन (नारकोटिक्स बनाने वाले रसायन) को जब्त करके एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। एनसीबी और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त टीम ने ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड के अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना पर कार्रवाई करते हुए नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
वहीं फरवरी 2024 में एनसीबी, नौसेना और एटीएस गुजरात पुलिस द्वारा किए गए 'सागरमंथन-1' नामक एक संयुक्त ऑपरेशन में लगभग 3300 किलोग्राम ड्रग्स (3110 किलोग्राम चरस/हशीश, 158.3 किलोग्राम क्रिस्टलीय पाउडर मेथ और 24.6 किलोग्राम संदिग्ध हेरोइन) की एक विशाल खेप हिंद महासागर में जब्त की गई थी। यह देश में जब्ती की मात्रा के हिसाब से अपने आप में एक रिकॉर्ड था। इस मामले में पांच संदिग्ध विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया था।
एनसीबी ने फरवरी 2024 में भंडाफोड़ किए गए ड्रग तस्करी नेटवर्क के सरगना जाफर सादिक को गिरफ्तार किया। जाफर सादिक 15 फरवरी, 2024 से फरार था। वह तब से फरार था, जब एनसीबी ने एवेंटा कंपनी के गोदाम से 50.070 किलोग्राम स्यूडोफेड्रिन जब्त किया और इस संबंध में जाफर सादिक के तीन साथियों को गिरफ्तार किया था।
वहीं अप्रैल 2024 में एनसीबी, गुजरात पुलिस के एटीएस और भारतीय तटरक्षक बल द्वारा एक संयुक्त समुद्री अभियान में लगभग 86 किलोग्राम हेरोइन ले जा रही एक विदेशी नाव जब्त की गई और 14 पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। अभियान के दौरान लगभग 602 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई।
अक्टूबर 2024 में एनसीबी ने गौतमबुद्ध नगर जिले के कासना औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में तलाशी अभियान चलाया और ठोस और तरल रूप में लगभग 95 किलोग्राम मेथमफेटामाइन बरामद किया। एसीटोन, सोडियम हाइड्रोक्साइड, मेथिलीन क्लोराइड, प्रीमियम ग्रेड इथेनॉल, रेड फॉस्फोरस, एथिल एसीटेट आदि जैसे रसायन और विनिर्माण के लिए आयातित मशीनरी भी मिली।
वहीं नवंबर 2024 में भारत और विशेष रूप से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय ड्रग तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली में कोकीन की सबसे बड़ी खेप बरामद की। इन मामलों में प्राप्त सुरागों पर काम करने और तकनीकी और मानवीय खुफिया जानकारी के माध्यम से एनसीबी अंततः तस्करी के स्रोत तक पहुंचने में सफल रही और दिल्ली के जनकपुरी और नांगलोई इलाके से 82.53 किलोग्राम उच्च श्रेणी का कोकीन बरामद किया।
नवंबर 2024 में 'सागर मंथन-4' नामक एक संयुक्त अभियान में एनसीबी, भारतीय नौसेना और गुजरात पुलिस की एटीएस ने एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया।