वोट जिहाद पर ध्यान ना दें, विकास के मुद्दों को ध्यान में रखकर भाजपा को अपना समर्थन दें : स्मृति ईरानी
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में मुंबई की कल्याण पश्चिम सीट से भाजपा उम्मीदवार सुलभा गायकवाड़ के पक्ष में प्रचार करने भाजपा नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंची। यहां लोगों के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'हमने जो कहा, वो किया'।
उन्होंने कहा कि वोट जिहाद के बारे में मुझे पता चला कि कुछ विपक्षी पार्टियों के लोग इस विधानसभा चुनाव में यह नारा दे रहे हैं। भारत के संविधान के खिलाफ इस तरह का तंत्र तो विपक्ष की पार्टियां इस्तेमाल कर रही हैं। वह ना सिर्फ गैर संवैधानिक है, बल्कि धर्म के आधार पर समाज को बांटने का बहुत ही शर्मनाक प्रयास है। मेरी जनता से अपील है कि विकास के मुद्दों पर भाजपा को अपना वोट और समर्थन दें।
स्मृति ईरानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का आदेश देकर देश में इतिहास रच दिया। जनधन योजना, मुद्रा योजना, लाडली बहिन योजना के तहत महिलाओं को सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को यह कहते हुए राष्ट्रपति नियुक्त किया कि उन्होंने अपनी सत्ता में आम गरीब महिला को सम्मानपूर्ण स्थान दिया है। इसलिए, यहां से भाजपा की उम्मीदवार सुलभा गायकवाड़ भी न केवल महिला शक्ति की प्रतीक हैं, बल्कि लोकतंत्र की भी प्रतीक हैं।
राम मंदिर पर विपक्ष द्वारा बीजेपी का विरोध कर सत्ता में आने की कोशिश को लेकर स्मृति ईरानी ने कहा कि राम मंदिर बनवाकर बीजेपी ने इस विरोध को रोक दिया। उन्होंने कहा कि दीपावली का इंतजार सभी को रहता है। लेकिन, राम ने अपने मंदिर के लिए 500 साल तक इंतजार किया और बीजेपी सरकार ने राम मंदिर बनवाकर इस इंतजार को खत्म किया।
स्मृति ईरानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद कई योजनाओं से किसानों को फायदा हुआ है। ईरानी ने कहा कि 10 करोड़ किसानों के बैंक खाते में पैसा पहुंचा और महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या में कमी आई है। उन्होंने आगे कहा कि जनधन योजना के तहत गरीबों के खाते में सीधा पैसा जाने से वास्तव में योजना का लाभ आम नागरिकों को सरकार द्वारा मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी धारा 370 हटाकर सत्ता में आए और कश्मीर के लोगों के लिए विकास के रास्ते खुले। धारा 370 के बारे में बताते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि कश्मीर के नागरिकों को सुरक्षा नहीं मिल रही थी, शादीशुदा महिलाओं को अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिल रहा था। दलित, आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिल रहा था। ईरानी ने यह भी दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हर व्यक्ति स्वतंत्र होकर रहने लगा है।