डीएमके की छात्र इकाई तमिलनाडु के सभी कॉलेजों में तमिल गौरव और संस्कृति को देगी बढ़ावा

Update: 2024-09-03 03:14 GMT
चेन्नई: डीएमके की छात्र शाखा तमिल स्टूडेंट काउंसिल (टीएमसी) दक्षिणी राज्य के कॉलेज परिसरों में तमिल संस्कृति और गौरव को प्रदर्शित करेगी। सूत्रों के अनुसार, डीएमके के दिग्गज नेता दिवंगत एम. करुणानिधि की शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में छात्र संगठन को फिर से शुरू किया जा रहा है।
डीएमके के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, तमिल छात्र परिषद द्रविड़ संस्कृति और गौरव पर चर्चा, वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता आयोजित करेगी। द्रविड़ संस्कृति पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। इनमें द्रविड़ आंदोलन के विद्वान हिस्सा लेंगे। डीएमके सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे राज्य के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सोच बताई जा रही है, जो डीएमके युवा विंग के अध्यक्ष भी हैं।
बाहरी तौर पर डीएमके तमिल संस्कृति और गौरव को आगे बढ़ा रही है, वहीं पार्टी राज्य के युवाओं और छात्रों के बीच अपना प्रभाव बनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। डीएमके सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शुरुआत में केवल कला और विज्ञान महाविद्यालयों पर ही ध्यान दिया जाएगा, लेकिन बाद में छात्र संगठन का कामकाज सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों सहित व्यावसायिक कॉलेजों तक बढ़ाया जाएगा।
डीएमके छात्र इकाई के सचिव सीवीएमपी एझिलारसन ने संवाददाताओं को बताया कि इस योजना का उद्देश्य राज्य भर के 720 कॉलेज परिसरों में छात्र संगठन को प्रस्तुत करना है। इसका उद्देश्य न केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है, बल्कि छात्रों में तमिलनाडु और तमिल लोगों की संस्कृति और गौरव के प्रति रुचि विकसित करना भी है।
तमिल छात्र परिषद प्रत्येक परिसर से कम से कम 100 छात्रों का नामांकन करेगी तथा राज्य के 720 परिसरों से 72,000 छात्रों को इसका सदस्य बनाने की योजना है। डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती ने आईएएनएस को बताया कि करुणानिधि ने अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में तिरुवरुर में छात्र संगठन स्थापित करने की पहल की थी। ऐसे में अब डीएमके द्रविड़ संस्कृति और गौरव पर बहस और चर्चा आयोजित करके परिसरों को नया स्वरूप देने की कोशिश कर रही है।
सियासी चर्चाओं की मानें तो डीएमके की कई जिला इकाइयां मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से उदयनिधि स्टालिन को तमिलनाडु का उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है। इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में उदयनिधि स्टालिन ने डीएमके अभियान का नेतृत्व किया और राज्य के कोने-कोने की यात्रा की।
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