चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों डेंगू मामलों में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है। अगर हिसार की बात की जाए तो यहां डेंगू का आंकड़ा 315 के पार पहुंच गया है, जो चिंता का विषय है। लेकिन, फिलहाल पिछले साल के मुकाबले अबकी बार डेंगू के कम केस सामने आए हैं। हिसार में रोजाना डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं।
जिले के डिप्टी सीएमओ सुभाष खतरेजा ने कहा, “डेंगू के मामलों की संख्या लगभग 315 हो चुकी है, और इन सभी का उपचार हमारी टीम द्वारा किया जा रहा है। हमारी मलेरिया की टीम विभिन्न वार्डों में, गलियों और मोहल्लों में सक्रिय है। जब भी कोई सकारात्मक केस सामने आता है, तो उसके घर के आसपास के पचास घरों में टेमीफॉस की दवाई का छिड़काव किया जाता है। इसके साथ ही, नगर निगम को इसकी पूरी सूची भेजी जाती है। नगर निगम की टीमें भी इन 50 घरों में फॉगिंग की गतिविधियां कर रही हैं। हम दरवाजे-दरवाजे जाकर मरीज का हालचाल पूछते हैं और उनके परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य स्थिति की भी जानकारी लेते हैं। अगर किसी को बुखार है और वह पांच दिन से अधिक समय तक बना हुआ है, तो हम उनके रक्त का नमूना हमारी मलेरिया लैब में मुफ्त में लेते हैं।”
उन्होंने कहा, “अक्टूबर तक के इस मौसम में गर्मी और हल्की ठंड की शुरुआत के कारण मच्छरों का पनपना सामान्य है। मच्छर साफ पानी में अंडे देते हैं, जो फिर लार्वा, प्युपा और वयस्क मच्छर में परिवर्तित होते हैं। ये वयस्क मच्छर लगभग 35 दिन तक जीवित रहते हैं और 400 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। ये हाथ, पैर और मुंह पर काटते हैं, और डेंगू के मच्छर का काटना बहुत दर्दनाक होता है।”
उन्होंने आगे कहा, “डेंगू का प्रभाव दिवाली तक बना रहेगा। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सर्दी लगना, आंखों के पीछे दर्द और जोड़ों में तीव्र दर्द शामिल हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाती है, तो शरीर पर हल्के चकते और नाक या मुंह से रक्तस्राव भी शुरू हो सकता है, जिसे डेंगू हेमोरेजिक बुखार कहा जाता है। इसकी गंभीरता से शॉक और अंततः मृत्यु भी हो सकती है।”
उन्होंने कहा, “डेंगू से बचाव के लिए, हमें अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। हमें सप्ताह में कम से कम एक दिन "ड्राई डे" मनाना चाहिए, जिसमें हम अपने कूलर, फ्रिज की ट्रे, गमलों और छत को साफ करें। पुरानी टायर या कचरे को भी हटाना आवश्यक है। आसपास जमे पानी में एक चम्मच मिट्टी का तेल या सरसों का तेल डालना चाहिए। अपने घर के अंदर भी वॉश बेसिन आदि में रोजाना थोड़ी मात्रा में तेल छिड़कना चाहिए, ताकि वहां मच्छर अंडे न दें। मच्छर के अंडे दो से तीन साल तक जीवित रह सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। हिसार जिले की बात करें तो यहां वर्तमान में 315 डेंगू पॉजिटिव केस हैं, जो सभी स्थिर हैं और कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखा रहे हैं। ”