नई दिल्ली: दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश का पहला एयरपोर्ट बन गया है। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने बुधवार को बताया कि उसे एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) के एयरपोर्ट कार्बन एक्रेडिशन (एसीए) कार्यक्रम के तहत यह मान्यता मिली है।
दिल्ली एयरपोर्ट ने पहले 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला हवाई अड्डा बनने का लक्ष्य रखा था। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना, हरित इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और जीरो वेस्ट टू लैंडफिल कार्यक्रम शामिल हैं।
एयरपोर्ट ने लक्ष्य से छह साल पहले ही कार्बन डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन 90 फीसदी कम करके यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे ने शुरू से ही कार्बन उत्सर्जन कम करने पर ध्यान दिया है। उसने 2016 में कार्बन न्यूट्रल स्टेटस हासिल किया था। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर हवाई अड्डा कार्बन उत्सर्जन और कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर 7.84 मेगावाट का अपना सौर ऊर्जा संयंत्र है। वर्ष 2023 के अंत में 7.64 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में इसकी इमारत को हरित प्रमाणन प्राप्त था। हवाई अड्डे के पास 350 से अधिक रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं।