नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने केंद्र सरकार को 1,620 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। रक्षा क्षेत्र के विभिन्न पीएसयू ने मंगलवार को लाभांश राशि का चेक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपे। इन कंपनियों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड, भारत डायनामिक्स लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड शामिल हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के प्रदर्शन की समीक्षा की। उन्होंने डीपीएसयू और स्वदेशीकरण द्वारा नई तकनीक के विकास के महत्व पर जोर दिया और सशस्त्र बलों की तैयारियों में डीपीएसयू की भूमिका की सराहना की।
समीक्षा के दौरान रक्षा मंत्री ने डीपीएसयू को अनुसंधान और विकास (आर एंड डी), निर्यात और स्वदेशीकरण की दिशा में समर्पित प्रयास और संसाधन लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने उत्पादन क्षमता, उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और सशस्त्र बलों को समय पर वितरण करने के लिए प्रेरित किया।
गौरतलब है कि बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को महारत्न का दर्जा मिला है। इसके साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत का 14वां महारत्न, पीएसयू बन गया है। इन उपलब्धियां व डीपीएसयू में प्रथम बनने पर राजनाथ सिंह ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सीएमडी को बधाई दी।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अन्य डीपीएसयू को भी महारत्न और नवरत्न बनने के लिए प्रोत्साहित किया। सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार ने रक्षा मंत्री को डीपीएसयू के वित्तीय निष्पादन, वर्तमान स्थिति, श्रेणी और अनुसंधान एवं विकास व स्वदेशीकरण आदि के क्षेत्रों में उनके द्वारा किए गए प्रयासों सहित डीपीएसयू के अवलोकन के बारे में जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में लगभग 65 प्रतिशत उपकरण भारत में ही तैयार किए जा रहे हैं। यह रक्षा औद्योगिक आधार के सामर्थ्य को रेखांकित करता है, जिसमें 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयां (डीपीएसयू) शामिल हैं।