जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जा दिलाने की मांग पर कांग्रेस अडिग : पवन खेड़ा
नई दिल्ली: कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने रविवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान इन्होंने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे, राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए बयान और चुनावी राज्य जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
चुनावी राज्य जम्मू-कश्मीर को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र का समर्थन करती है और ये लोग चाहते हैं कि फिर से धारा 370 आए। अमित शाह के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पवन खेड़ा ने कहा, अमित शाह की सुई बार-बार अटक क्यों जाती है। हमारा अपना मेनिफेस्टो है। हम पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग पर अडिग हैं, उसको हम दिलवाएंगे। वो बताएं जब उन्होंने पीडीपी से समझौता किया था तो उनका मेनिफेस्टो पढ़ा था क्या? उनके मेनिफेस्टो में लिखा था कि पाकिस्तान की भी करेंसी श्रीनगर में चलेगी।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा विदेश की धरती पर दिए गए बयानों को लेकर पवन खेड़ा ने कहा, अमेरिका में राहुल गांधी का बयान था कि सिख अपनी पगड़ी पहनने के हक के लिए लड़ेंगे ताकि उनसे उनका कोई हक नहीं छीन सके। हमारा संविधान भी कहता है कि सभी धर्मों को आजादी होनी चाहिए। उस आजादी के लिए लड़ना कोई गलत बात नहीं है। भाजपा को ये गलत लग सकता है, क्योंकि उनका संविधान पर कोई विश्वास नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर गए हुए हैं। इस पर पवन खेड़ा ने कहा कि वो बिल्कुल यात्रा करें, लेकिन इस बात अफसोस है कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार खालिस्तानी तत्वों से मुलाकात की थी। इसका हमें अफसोस है। ऐसा क्यों हुआ, इस बात को लेकर हम चिंतित हैं। प्रधानमंत्री को अमेरिका में यह बात उठानी चाहिए।
बता दें कि पीएम मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर गए हुए हैं। यहां पर दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों को लेकर सहमति बनी। इसी क्रम में सरकार की तरफ से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार भारत और अमेरिका की ओर से वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने के लिए एक अरब डॉलर की साझेदारी का ऐलान किया गया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के बढ़ रहे उपयोग का फायदा उठाया जा सके। इसमें उच्च-गुणवत्ता वाली नौकरियों के अवसर, स्वच्छ ऊर्जा को अधिक तेजी से आगे बढ़ाना और वैश्विक जलवायु लक्ष्य को पाना शामिल है।