नीट-यूजी पेपर लीक मामले में हजारीबाग में एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर और बैंक अफसरों से पूछताछ कर रही सीबीआई

Update: 2024-06-26 12:02 GMT
रांची: नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम झारखंड के हजारीबाग में एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर, एक स्कूल के प्रिंसिपल और स्टेट बैंक के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है।
सीबीआई ने ब्लू डार्ट नामक कूरियर कंपनी के हजारीबाग स्थित लोकेशन का भी जायजा लिया है। पेपर लीक मामले में पटना से परीक्षा का एक अधजला प्रश्न पत्र बरामद हुआ था। इस प्रश्न पत्र के सीरियल नंबर की जांच से पता चला कि यह हजारीबाग के मंडई रोड में ओएसिस स्कूल स्थित एग्जाम सेंटर का है। इसी स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक नीट यूजी परीक्षा के लिए एनटीए की ओर से सिटी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए थे। उन्हें शहर के चार परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचवाने और नियमों के अनुसार परीक्षा संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।
सीबीआई की टीम उनसे करीब दो घंटे से पूछताछ कर रही है। सीबीआई की टीम ने बुधवार को एसबीआई के हजारीबाग स्थित उस ब्रांच के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले हैं, जहां प्रश्न पत्र रखे गए थे। यहां के अफसरों से भी पूछताछ की जा रही है। इसके पहले बिहार ईओयू की जांच में यह बात सामने आई थी कि हजारीबाग में प्रश्न पत्र कूरियर कंपनी के एक रिमोट एरिया स्थित सेंटर पर पहुंचे थे और इसके बाद प्रश्न पत्रों के ट्रंक बैंक तक ई-रिक्शा से पहुंचाए गए थे। बैंक में भी प्रश्न पत्रों को रिसीव करने से लेकर उनके रखरखाव में लापरवाही की बात कही जा रही है।
सूचना है कि सीबीआई की टीम जल्द ही रांची और देवघर भी पहुंच सकती है। ईओयू की जांच में यह बात सामने आई है कि प्रश्न पत्रों को सॉल्व करने वाला गैंग रांची से ही ऑपरेट किया जा रहा था। यहां मेडिकल पीजी के स्टूडेंट्स से प्रश्न पत्रों को हल करवाकर पटना भेजा गया था।
इस मामले में ईओयू ने झारखंड के देवघर शहर से छह युवकों को हिरासत में लिया था। बाद में इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी युवक बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं, जो देवघर में मजदूर बनकर किराए के मकान में रह रहे थे।
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