भाजपा की नीति विपक्ष को परेशान करना है: राजद

Update: 2024-10-07 11:33 GMT
पटना: जमीन के बदले नौकरी मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव को बड़ी राहत मिली है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य आरोपियों को जमानत दे दी। इस पर आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा की नीति विपक्ष को परेशान करना है।
शक्ति सिंह यादव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि कोर्ट में भी सीबीआई की लीगल विंग ने इस केस को लेने से इनकार कर दिया था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोग विपक्ष को परेशान करना चाहते हैं। ऐसे लोग आज थोड़े शर्मिंदा हुए होंगे। आप सत्य को हरा नहीं सकते, सत्य को परेशान कर सकते हैं। सत्यमेव जयते। कानून भी कोई चीज होती है। देश की जनता देख रही है कि बीजेपी वाले किसके साथ क्या कर रहे हैं। मेरी बीजेपी वालों को खुली चुनौती है। जितनी बार तेजस्वी यादव और लालू यादव की जांच करोगे, उतनी बार बेइज्जती झेलनी पड़ेगी। रेलवे ने तो ये भी स्वीकार नहीं किया कि यहां कुछ गलत हुआ है। भारतीय जनता पार्टी अपने घर से ही ये सारे मामले बना रही है। क्योंकि आजकल जांच एजेंसी में कुछ लोग कठपुतली की तरह काम करते हैं।
उन्होंने मीडिया कर्मियों पर भी तंज करते हुए कहा, "मुझे मीडिया कर्मियों से भी आपत्ति है। सबूतों के आलोक में खबर चलाना सीखें। आरोप लगाने वाला कौन है? क्या वह भवन निर्माण का अधिकारी है? या कोई मंत्री है? तेजस्वी यादव को जो भवन दिया गया था, उसमें उन्हें क्या मिला था? पत्र में उन्हें क्या मिला था? मीडिया को पहले यह दिखाना चाहिए? तारकेश्वर ने तेजस्वी यादव को क्या दिया और स्वर्गीय सुशील कुमार ने तारकेश्वर में क्या देखा और फिर उससे छुटकारा पा लिया? सच तो यह है कि पिछले डिप्टी सीएम ऐसा करते हुए चल बसे। अब यह डिप्टी सीएम उसी राह पर चल रहे हैं। कम समझ वाले लोगों को कौन समझाए।"
लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए नियमों की धज्जियां उड़ाकर लोगों को 'ग्रुप डी' में नौकरी दी और बदले में उनकी जमीन अपने नाम पर लिखवाई। कई लोगों ने सामने आकर अपने बयानों के जरिए इस बात की पुष्टि की है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने उनकी जमीनें लीं और उन्हें ग्रुप डी में नौकरी दी। इस मामले में 30 आरोपी शामिल हैं।
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