पटना: झारखंड में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली। शपथ ग्रहण में 'इंडिया' एलायंस एकजुट दिखा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत गठबंधन के कई नेता मौजूद थे। लेकिन मुख्यमंत्री के अकेले शपथ लेने को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
किसी और मंत्री के शपथ नहीं लेने के बारे में पूछे जाने पर बिहार से कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने कहा, "सब कुछ ठीक है। सरकार का गठन हो गया है। अब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। सब जगह ऐसा ही होता है। गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है।"
राजद विधायक विजय मंडल ने भी गठबंधन में किसी तरह की समस्या की बात को खारिज करते हुए कहा कि झारखंड की जनता ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ऐतिहासिक निर्णय दिया है, हम स्वागत करते हैं।
बताया जा रहा है कि अभी सरकार में सहयोगी दलों में मंत्रिमंडल को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
हेमंत सोरेन ने शपथ लेने के बाद कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मंईयां सम्मान योजना की सम्मान राशि बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा है कि राज्य में जेपीएससी, जेएसएससी के अंतर्गत होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया तेज की जाएगी। केंद्र सरकार के पास राज्य का बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये लेने के लिए दबाव डाला जाएगा। राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए कई स्रोतों पर सरकार काम करेगी। असम में वर्षों से रह रहे झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों की स्थिति की जानकारी सर्वदलीय और पदाधिकारियों की टीम द्वारा ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने एक अलग पोस्ट में कहा कि झारखंड की सरकार गरीब, वंचित और शोषितों समेत सभी वर्ग के लोगों के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत के साथ काम करेगी।