अमरवाड़ा को बचाने की कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती

Update: 2024-07-02 04:44 GMT
भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के गढ़ के तौर पर पहचाना जाता रहा है। मगर बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस किले पर फतह हासिल की है। अब भाजपा की नजर अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर है और कांग्रेस को इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना बड़ी चुनौती बन गया है।
छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 10 जुलाई को उपचुनाव के लिए मतदान होने वाला है। यहां कांग्रेस के विधायक रहे कमलेश शाह द्वारा दल बदल करने के कारण उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने कमलेश शाह को ही उम्मीदवार बनाया है। शाह के समर्थन में पार्टी के तमाम बड़े नेता प्रचार कर चुके हैं और आगामी दिनों में दौरे भी संभावित हैं।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अमरवाड़ा उपचुनाव के लिए खास रणनीति बनाते हुए आंचल दरबार के प्रतिनिधि धीरेन शाह को मैदान में उतारा है। आंचल दरबार एक आस्था का केंद्र है और धीरेन शाह का इस परिवार से नाता है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब प्रचार की कमान संभालने वाले हैं, वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी फिर से इस क्षेत्र में सक्रिय होने जा रहे हैं।
अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पिछले चुनाव पर गौर करें तो लगातार तीन बार से कमलेश शाह चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र को कांग्रेस के गढ़ के तौर पर भी पहचाना जाता है। अब कमलेश शाह बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में है। अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने कांग्रेस के नकुलनाथ को शिकस्त दी और अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस पिछड़ी। ऐसे में भाजपा का दावा है कि उसके लिए उपचुनाव में जीत आसान रहेगी। अमरवाड़ा में मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। कांग्रेस के जहां धीरेन शाह को मैदान में हैं, वहीं भाजपा ने कमलेश शाह को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर देव रावेन भलावी मैदान में हैं।
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