बंगाल उपचुनाव: चार विधानसभा सीटों में से बागदा में होगी सीएपीएफ की अधिक तैनाती
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 10 जुलाई को चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे। इसको लेकर भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों की तैनाती की घोषणा की है, जिसमें सबसे अधिक जवान उत्तर 24 परगना जिले के बागदा में तैनात किए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि तैनात की जाने वाली 55 कंपनियों में से सबसे अधिक 16 कंपनियां बागदा में होगी, जबकि नादिया जिले के रानाघाट-दक्षिण में 15 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज और कोलकाता के मानिकतला में 12-12 कंपनियां तैनात की जाएंगी। बता दें कि कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिहाज से यह तैनाती की जाती है। रिकॉर्ड के अनुसार बागदा विधानसभा सीट चारों निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे अधिक संवेदनशील मानी जाती है।
सूत्रों ने कहा, ''आयोग ने उपचुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है और इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त संख्या में मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं तथा इन मशीनों की सहायता से सुचारू रूप से मतदान कराने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं।''
उपचुनाव के लिए राजपत्र अधिसूचना शुक्रवार को जारी की जाएगी। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 है। वहीं नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून रहेगी। मतों की गिनती 13 जुलाई को होगी।
मानिकतला विधानसभा सीट पर उपचुनाव वहां के पूर्व तृणमूल कांग्रेस विधायक साधन पांडे के निधन के कारण आवश्यक हो गया था। अन्य तीन निर्वाचन क्षेत्रों में 2021 में निर्वाचित हुए बागदा से पूर्व भाजपा विधायक विश्वजीत दास, रानाघाट दक्षिण से डॉ मुकुट मणि अधिकारी और रायगंज से कृष्णा कल्याणी को विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इस बार वे तीनों हार गए, लेकिन इन तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराए जाने की जरूरत है जहां से उन्होंने इस्तीफा दिया था।
सीईओ कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार, बागदा, राणाघाट-दक्षिण और रायगंज में भाजपा मजबूत स्थिति में है, जबकि मानिकतला में तृणमूल कांग्रेस बेहतर स्थिति में है।