कश्मीर में छुट्टियां एन्जॉय कर रहीं आशा पारेख, वहीदा रहमान और हेलेन, 70 के दशक की यादें हुई ताजा

Update: 2024-06-24 08:47 GMT
श्रीनगर: सत्तर के दशक की बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा आशा पारेख, वहीदा रहमान और हेलेन इन दिनों कश्मीर में छुट्टियां एन्जॉय कर रही हैं और अपने पुराने दिनों को वापस जी रही हैं।
हाल ही में उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं, जिसमें तीनों एक्ट्रेसेस डल झील में हाउसबोट 'शिकारा' की सवारी कर रही हैं। अपने दौर में वह कश्मीर के हरे-भरे मैदानों और झील पर फिल्मों की शूटिंग किया करती थीं। अपने इन्हीं पुराने दिनों को तीनों अभिनेत्रियों ने याद किया।
आशा पारेख के लिए गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे हिल स्टेशनों के अलावा यह झील 'लाइट, कैमरा एंड एक्शन' की याद दिलाने वाली है। उनकी सबसे सुपरहिट फिल्मों में से एक 'दिल देके देखो' की शूटिंग 1959 में कश्मीर में हुई थी। दरअसल, 'दिल देके देखो' के निर्देशक नासिर हुसैन के साथ उनके रोमांटिक रिश्ते की वजह कश्मीर से उनका लंबा जुड़ाव है।
इस फिल्म के बाद उनकी दूसरी बेहतरीन फिल्म 'फिर वही दिल लाया हूं' आई, जिसे 1963 में कश्मीर में ही शूट किया गया था। इसका निर्देशन नासिर हुसैन ने किया था। इसके बाद 1965 में कश्मीर में ही शूट की गई आशा पारेख की एक और सुपरहिट फिल्म 'मेरे सनम' और 1971 में 'कारवां' आई। 'कारवां' के निर्देशक नासिर हुसैन थे।
जिस सड़क पर 'मेरे सनम' फिल्म का मशहूर गाना 'पुकारता चला हूं मैं' फिल्माया गया था, उसके दोनों ओर लगे छोटे चिनार के पेड़ आज वर्षों बाद लंबे हो गए हैं। इस तरह, आशा पारेख के लिए यह वेकेशन अपनी पुरानी जिंदगी को फिर से एन्जॉय करने के समान है।
घाटी में 1976 में फिल्माई गई यश चोपड़ा की 'कभी कभी' के लिए वहीदा रहमान उसी 5 स्टार होटल में रुकी थीं, जहां वे इन दिनों श्रीनगर में रह रही हैं। एक हजार से ज्यादा फिल्मों में सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रूप में काम कर चुकीं हेलेन के लिए कश्मीर यादगार जगह हैं। उन्होंने 1961 में आईं 'जंगली', 1966 में रिलीज हुई 'दस लाख', 1971 में आई 'कारवां' और कई फिल्मों की शूटिंग यहां की थी। श्रीनगर में डल झील के सामने स्थित 'द ललिता ग्रैंड पैलेस' होटल के लॉन में नाश्ता करते हुए, भारतीय सिनेमा की तीन मशहूर हस्तियां अपने अतीत को फिर से जी रही हैं।
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